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अमेरिका के मिशिगन विवि में शोध कर रहे चीन के तीन नागरिकों ने जैविक पदार्थों की तस्करी का कुचक्र रचा, आपराधिक शिकायत दर्ज

Date : 06-Nov-2025

 डेट्रॉइट (मिशिगन) अमेरिका, 06 नवंबर । मिशिगन विश्वविद्यालय के तीन शोधार्थियों पर जैविक पदार्थों की तस्करी करने का कुचक्र रचने का गंभीर आरोप लगा है। तीनों चीन के नागरिक हैं। चीन के इन नागरिकों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने अपने एक्स हैंडल पर यह सूचना सार्वजनिक की है। मिशिगन पूर्वी जिला के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने की विज्ञप्ति में इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।

अमेरिकी अटॉर्नी जेरोम एफ. गोरगन जूनियर ने कहा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के तीन शोधार्थियों पर बुधवार को आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। तीनों पर संयुक्त राज्य अमेरिका में जैविक पदार्थों की तस्करी की साजिश रचने और अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा अधिकारियों को झूठे बयान देने का आरोप लगाया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी गोरगन ने कहा, " यह तीनों लोग मिशिगन विश्वविद्यालय की आड़ में खतरा पैदा कर रहे थे। यह हमारी सामूहिक सुरक्षा के लिए एक खतरा हैं। हम आगाह करने के लिए अपने विशिष्ट संघीय सहयोगियों के आभारी हैं।"

चीन के इन तीनों आरोपितों की पहचान 28 वर्षीय शू बाई, 27 वर्षीय फेंगफान झांग और 30 वर्षीय झियोंग झांग के रूप में हुई है। तीनों जे-1 वीजा धारक शोधार्थी हैं। तीनों जियानझोंग जू की यूएम प्रयोगशाला में शोध कर रहे थे। इसे आमतौर पर शॉन जू प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता है।

आपराधिक शिकायत के अनुसार, 2024 और 2025 में बाई और फेंगफान झांग को गोल कृमियों से संबंधित छिपी हुई जैविक सामग्री वाले कई शिपमेंट प्राप्त हुए थे। इनको चेंगशुआन हान ने अमेरिका भेजा था। हान वुहान में जीवन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से पीएचडी कर रहे थे। वह जून 2025 में यूएम की प्रयोगशाला में काम करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आए। हान ने हाल ही में तस्करी के तीन मामलों और झूठे बयानों के एक मामले में कोई प्रतिवाद नहीं किया। उन्हें सजा सुनाई गई और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका से निकाल दिया गया।

हान को संयुक्त राज्य अमेरिका से निकाले जाने के बाद यूएम ने शॉन जू प्रयोगशाला की आंतरिक जांच शुरू की। तब यह खुलासा हुआ। इसके बाद

प्रतिवादियों ने हवाई यात्रा के प्रयास किए। दस अक्टूबर को संघीय एजेंटों ने प्रतिवादियों को उनके घर और अन्य जगहों पर ढूंढने का प्रयास किया लेकिन विफल रहे।

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा, "एफबीआई और हमारे सहयोगी कानून का उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह ठहराएंगे। शैक्षणिक शोध के दौरान अवैध गतिविधियों की अनदेखी नहीं की जा सकती। आरोपित चीनी नागरिक कथित तौर पर पहले भी अमेरिका में जैविक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे।"

अटॉर्नी जनरल पामेला बोंडी ने कहा, "शोध की आड़ में जैविक पदार्थों की तस्करी का कथित प्रयास एक गंभीर अपराध है। यह अमेरिका की राष्ट्रीय और कृषि सुरक्षा के लिए खतरा है। हमे ऐसे विदेशी नागरिकों से सतर्क रहने की जरूरत है। यह लोग अमेरिका की उदारता का फायदा उठाते हैं।" एफबीआई डेट्रॉइट फील्ड ऑफिस की विशेष एजेंट जेनिफर रनयान ने कहा, "एफबीआई और कानून प्रवर्तन सहयोगी अमेरिकी लोगों की रक्षा, मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

 
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