भारत की अग्रणी सहकारी संस्थाएँ — भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (अमूल) — ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। दोनों संगठनों को प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रदर्शन के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) की विश्व सहकारी मॉनिटर 2025 रिपोर्ट में दुनिया की शीर्ष सहकारी समितियों में स्थान मिला है।
इस सूची की घोषणा कतर की राजधानी दोहा में आयोजित आईसीए सीएम50 सम्मेलन में की गई।
यह उपलब्धि ग्रामीण आत्मनिर्भरता, सहयोग और सामूहिक स्वामित्व की भावना पर आधारित भारत के सहकारी मॉडल की सफलता को उजागर करती है। अमूल का विस्तृत डेयरी नेटवर्क न केवल लाखों किसानों की आजीविका में परिवर्तन का कारक रहा है, बल्कि यह भारत की खाद्य सुरक्षा और कृषि सशक्तिकरण की मिसाल भी बना है।
इसी प्रकार, इफको ने टिकाऊ उर्वरक उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल नवाचार के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाते हुए सहयोग के सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप दिया है। अपने किसान-केंद्रित दृष्टिकोण के तहत, इफको ने सामुदायिक कल्याण, हरित पहल और तकनीकी प्रगति में निरंतर निवेश कर वैश्विक सहकारी क्षेत्र में एक मानक स्थापित किया है।
