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अंतरिक्ष आयोग ने LUPEX मिशन को दी मंजूरी, क्या है LUPEX मिशन का उद्देश्य

Date : 09-Oct-2024

अंतरिक्ष मिशनों पर भारत की सर्वोच्च संस्था, राष्ट्रीय अंतरिक्ष आयोग ने पांचवें चंद्र मिशन, लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन या लूपेक्स को मंजूरी दे दी है। यह मिशन, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर पानी और अधिक मूल्यवान संसाधनों की खोज करना है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के बीच एक संयुक्त प्रयास होगा।

भारत अब अपने पांचवें मून मिशन पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष आयोग ने पांचवें चंद्र मिशन - लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन या लूपेक्स को मंजूरी दे दी है। आयोग अंतरिक्ष मिशनों पर निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। चंद्रयान 1 से 4 मिशनों के विपरीत, इसे भारत और जापान की तरफ से संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। हालांकि, यह भारत की मून सीरीज का हिस्सा है। इसका उद्देश्य अंततः किसी भारतीय को चंद्रमा पर भेजना और उसे वापस लाना है।

कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जाएगा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 सितंबर को चंद्रयान-4 को मंजूरी दे दी थी, और लूपेक्स को जल्द ही कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में बताया हम चाहते थे कि (कैबिनेट से) कुछ और मंजूरी मिल जाए। संभवतः, आने वाले दिनों में, उन्हें भी मंजूरी मिल जाएगी। सोमनाथ ने कहा कि हमें चंद्रयान मिशन की एक सीरीज बनानी होगी जो वर्तमान स्तर से क्षमता का निर्माण करेगी जो वास्तव में मनुष्यों को चंद्रमा पर उतरने और उन्हें वापस लाने में सक्षम होगी।

क्या है LUPEX मिशन का उद्देश्य

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ (JAXA)और इसरो ने अगले चंद्र मिशनलूनर पोलर एक्सप्लोरेश मिशनके लिए साझेदारी की है। जक्सा और इसरो क्रमश: रोवर और लैंडर का विकास कर रहे हैं। रोवर अपने साथ केवल इसरो और जाक्सा के उपकरणों को चांद तक ले जाएगा बल्कि अमेरिकी एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के उपकरण भी उसके साथ होंगे।

जाक्सा के मुताबिक, लुपेक्स मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर स्थायी गतिविधियों के लिए आधार बनाने के उद्देश्य से उसके अनुकूल ध्रुवीय इलाके की खोज की संभावना का पता लगाना है। साथ ही चंद्रमा की सतह पर मौजूद जल संसाधन की उपलब्धता को लेकर जानकारी हासिल करना और चंद्रमा एवं वाहन (अंतरिक्ष यान) के पहुंचाना है। साथ ही वहां रात भर रहने जैसी ग्रहीय सतह अन्वेषण प्रौद्योगियों का प्रदर्शन करना है।

 
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