नासा की नई तकनीक Lunar PlanetVac: चंद्रमा और मंगल पर सैंपल कलेक्शन में क्रांति !
Date : 15-Jan-2025
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक नई और अनोखी तकनीक विकसित की है, जिसका नाम लूनार प्लैनेटवैक (Lunar PlanetVac - LPV) है। यह तकनीक चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने के तरीके को पूरी तरह बदल देगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने विकसित किया है, जो ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) का हिस्सा है।
कैसे काम करता है LPV?
LPV एक हाई-टेक वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है। यह चंद्रमा की मिट्टी को हिलाने के लिए दबावयुक्त गैस का उपयोग करता है। ऐसा करने से एक छोटा बवंडर बनता है, जो मिट्टी के कणों को सैंपल कंटेनर में जमा कर देता है। यह तकनीक लैंडर से जुड़ी होती है, जिससे सैंपल को ऑटोमैटिक रूप से इकट्ठा किया जा सकता है और पृथ्वी पर लाया जा सकता है।
खोदाई की जरूरत नहीं होगी
इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सैंपल इकट्ठा करने के लिए किसी भी तरह की खुदाई की जरूरत नहीं होती। नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में इस प्रोजेक्ट के प्रबंधक, डेनिस हैरिस, ने बताया कि LPV तकनीक मशीन के घिसने या किसी पार्ट के खराब होने के झंझट से मुक्त है। यह सरल और प्रभावी तरीके से काम करती है।
भविष्य की संभावनाएं
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि LPV का उपयोग न केवल चंद्रमा पर बल्कि अन्य ग्रहों पर भी पानी, हीलियम और खनिजों की खोज में किया जा सकेगा।
पहली बार कहां होगा इस्तेमाल?
LPV को ब्लू घोस्ट लैंडर पर लगाया गया है। यह सैंपलिंग हेड दबावयुक्त गैस उत्सर्जित करेगा, जिससे चंद्रमा की मिट्टी में हलचल होगी और धूल का बवंडर पैदा होगा। इस प्रक्रिया से एक सेंटीमीटर तक के कण उड़कर सैंपल कंटेनर में जमा हो जाएंगे। यह तकनीक ब्लू घोस्ट लैंडर के उन 10 पेलोड्स में से एक है, जिन्हें पहली बार मिशन में इस्तेमाल किया जाएगा।
LPV तकनीक न केवल चंद्रमा और मंगल मिशनों को आसान बनाएगी, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है|