भोपाल साहित्य एवं कला महोत्सव (बीएलएफ) का आज समापन हुआ।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू ने भी आज अंतिम दिन 'प्रायोगिक कविता, अधिक कला या हृदय' विषय पर आयोजित सत्र में भाग लिया।
बाद में आकाशवाणी से बात करते हुए उन्होंने युवाओं से अधिक पढ़ने और रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने की अपील की।
तीन दिवसीय ज्ञान कुंभ में चर्चाओं की श्रृंखला, सांस्कृतिक प्रदर्शन, पुस्तक विमोचन और आदिवासी कलाओं को श्रद्धांजलि दी गई।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य आज के गलत सूचना और अराजकता के युग में साहित्य को एक मार्गदर्शक के रूप में बढ़ावा देना था, जिसका उद्देश्य भोपाल को 'यूनेस्को साहित्य शहर' का दर्जा दिलाना था।
समापन दिवस पर, बीएलएफ के संस्थापक सदस्यों में से एक राघव चंद्रा ने मानवीय मूल्यों को स्थापित करने तथा अशांत विश्व में शांति को बढ़ावा देने में साहित्य और रचनात्मकता के महत्व पर जोर दिया।