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Travel & Culture

“नॉर्थ ईस्ट इंडिया की सेवन सिस्टर्स” का प्रवेश द्वार -गुवाहाटी

Date : 03-Mar-2023

 गुवाहाटी विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर बसा हुआ पूर्व-उत्तर भारत में असम का सबसे बड़ा नगर हैं। प्राचीन समय में गुवाहाटी को प्रागज्योतिस्वर नाम से जाना जाता था। गुवाहाटी दो शब्दों गुवा और हाट से मिलकर बना हैं, जिसमे गुवा का अर्थ है सुपारी और हाट का अर्थ बाजार। गुवाहाटी शहर को “नॉर्थ ईस्ट इंडिया की सेवन सिस्टर्स” का प्रवेश द्वार भी कहते हैं। गुवाहाटी में प्राचीन मंदिर की संख्या बहुत अधिक हैं और प्रत्येक मंदिर की कोई न कोई दिलचस्प कहानी सुनने को मिलती हैं जोकि आपको इतिहास के पन्ने पलटने पर मजबूर कर देती हैं।

यहां के प्रमुख मंदिरों में कामाख्या देवी के मंदिर में आने वाले भक्तगणों की संख्या बहुत अधिक होती हैं। गुवाहटी शहर में शहरीकरण और व्यावसायीकरण के आधुनिक युग के पहलु को ध्यान में रखते हुए शानदार जीवन शैली और एक खूबसूरत नाइटलाइफ़ का समावेश देखने को मिलता हैं। गुवाहाटी में एक चिड़ियाघर हैं जिसे असम राज्य चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता हैं और यह उत्तर-पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। इस चिड़ियाघर में अधिक संख्या में विभिन्न जाति-प्रजाति के जानवर देखने को मिलते हैं।

 

गुवाहटी पर्यटक स्थल

गुवाहटी पर्यटक स्थल दूर-दूर से आने वाले यात्रियों के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन हैं। यह स्थान विभिन्न पर्यटन स्थलो का बगीचा है जहां पर गुवाहटी में देखने लायक पर्यटन स्थल फल-फूल रहे हैं।

उमानंद मंदिर

गुवाहाटी का दर्शनीय स्थल उमानंद मंदिर मयूर दीप पर ब्रहमपुत्र नदी पर स्थित हैं। मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है जिसे भस्मकला या भस्मकुटा भी कहा जाता हैं। यह उमानंद मंदिर भगवान शिव शंकर को समर्पित हैं। उमानंद नाम की उत्पत्ति दो शब्दों उमा और आनंद से मिलकर हुई हैं। उमा शब्द भगवन शिव की पत्नी के नाम का प्रतिनिधित्व करता हैं।

कामाख्या देवी मंदिर 

गुवाहाटी के दर्शनीय स्थलों में कामाख्या देवी के मंदिर का महत्त्व बहुत अधिक है। यह मंदिर असम में गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलांचल पहाड़ी पर स्थित हैं। कामाख्या देवी का मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। पर्यटक इस स्थान पर आने का अवसर कदापि नही छोड़ते हैं।

चिडियांघर

गुवाहाटी में देखने लायक जगह चिडियांघर भारत के प्रमुख चिड़ियाघरों में से एक हैं। असम राज्य चिड़ियाघर सह-वनस्पति उद्यान और गुवाहाटी चिड़ियाघर टूरिस्टो के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय स्थान हैं। यह चिड़ियाघर 430 एकड़ के भू-भाग में फैला हुआ हैं और यह गुवाहाटी के केंद्र में घने वनस्पति से भरा हुआ स्थान हैं। जिसे हेंगारी वन क्षेत्र के नाम से जाना जाता हैं। गुवाहटी आने वाले पर्यटक इस जू में आना पसंद करते हैं।

असम राज्य संग्रहालय

गुवाहटी में देखने की वाली जगह में असम राज्य संग्रहालय पर्यटकों के लिए एक बहुत अच्छी जगह हो सकती हैं। क्योंकि गुवाहाटी शहर के मध्य में होने की वजह से यह पर्यटको की पहुच में भी हैं और प्राचीन इतिहास से जुडी बाते, समृद्ध संस्कृति और अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए नजर आता हैं। यह स्थान इतिहास प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता हैं।

इस्कॉन मंदिर 

गुवाहाटी के दर्शनीय स्थलों में शामिल इस्कॉन मंदिर को इस्कॉन इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा चेतना के द्वारा स्थापित किया गया हैं। यह एक हिंदू धार्मिक समाज है और इसकी स्थापना सन 1966 में न्यूयॉर्क शहर में की गयी थी। खासतौर पर इसकी मुख्य मान्यता श्री मद भगवत गीता से सम्बंधित हैं। गुवाहाटी के संगठनों के तहत यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित हैं।

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य

गुवाहाटी के पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की संख्या बहुत अधिक देखने को मिलती हैं। यह वाइल्डलाइफ सेंचुरी मोबिगांव जिले में गुवाहाटी शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण में कई प्रजाति के पक्षियों का बसेरा हैं।

उमानंद द्वीप

गुवाहाटी शहर के बीच से होकर बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर बना उमानंद द्वीप दुनिया के सबसे छोटे द्वीपों में गिना जाता है। यह द्वीप ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच मयूर द्वीप के नाम से जाना जता था। ब्रिटिशों ने इसे इसके आकार के अनुसार नाम दिया हैं। माना जाता हैं कि इस स्थान पर ही भगवान शंकर की तपस्य भंग करते हुए कामदेव भस्म हो गए थे।

 बसिष्ठ आश्रम

गुवाहाटी में देखने के स्थान में गुरु वशिष्ठ के आश्रम देखने की जिज्ञासा गुवाहाटी आने वाले प्रत्येक पर्यटक की होती हैं। गुरु वशिष्ठ जिन्हें हिन्दू धर्म के महाग्रन्थ रामायण लिखने का श्रेय जाता हैं। यह माना जाता हैं कि गुरु वशिष्ठ ने इस आश्रम का निर्माण किया था और अपने जीवन की अंतिम सांस भी इसी आश्रम में ली थी।

भुवनेस्वरी मंदिर

गुवाहाटी का दर्शनीय स्थल भुवनेस्वरी मंदिर गुवाहटी रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर गुवाहटी की नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं जोकि यहां के कामाख्या देवी मंदिर से थोड़ी अधिक हैं।

पांडु

गुवाहाटी में देखने लायक जगह पांडु नगरी का नाम महाभारत काल के दौरान के महाराज पांडु के नाम पर रखा गया हैं। महाराज पांडु पांचो पांडव के पिता थे। यह स्थान शहर के टीला हिल्स में पांडुनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हैं। पांच पांडवो का नेतृत्व करते हुए पांच गणेश मूर्ती यहा मिलती हैं। माना जाता हैं कि निर्वासन के समय पांचो भाइयों ने गणेश के रूप में यहा शरण (छुपे ) ली थी।

 हाजो

गुवाहाटी में हाजो एक प्राचीन तीर्थस्थल हैं और यह स्थान तीनो धर्म हिन्दू, मुस्लिम और बौद्ध के अनुयाईयों के लिए एक आकर्षित स्थान हैं। यह स्थान दुर्गा, विष्णु, शिव, बुद्ध के अलावा प्रमुख मुस्लिम संतो को समर्पित हैं। यह स्थान असम में गुवाहटी से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

विज्ञान केंद्र 

गुवाहाटी का क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र गुवाहाटी शहर के बाहरी इलाके में जवाहर नगर खानापारा में स्थित है। इस क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय के 27 केंद्रों का निर्माण किया जा चुका हैं। सन 1994 में इस संग्रहालय की स्थापना की गई थी। जिसमे कई दुर्लभ उपकरण, मशीनरी, डेमो प्रयोग सेटअप, दुर्लभ विज्ञान उपकरण आदि शामिल हैं।

 

 

फैंसी बाजार

 

गुवाहटी में घूमने के लिए यहा का पिस्सू बाजार सर्वोपरि हैं इस बाजार को चांदनी चौक के नाम से भी जाना जाता हैं। इस फैंसी बाजार में कई छोटी बड़ी दुकाने, स्टोल, खूबसूरत चीजो का कलेक्शन आपको देखने के लिए मिल जाएगा। आकर्षक स्ट्रीट शॉपर्स, स्थानीय स्ट्रीट फूड की खुशबू के साथ ही बाजार यह बाजार कई अतरंगी दुकानों से भरा हुआ हैं।

इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम

गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम का उद्घाटन वर्ष 2007 में किया गया था। यह स्टेडियम लोखरा में गुवाहाटी के दक्षिणी किनारे में स्थित है। इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम को सुरसजाई स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता हैं। यह मैदान फुटबाल खेल से सम्बंधित हैं।

 

 
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