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अरुणाचलेश्वर मंदिर में आज जलाया जाएगा महा दीप, 30 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद

Date : 03-Dec-2025

अरुणाचलेश्वर, 3 दिसंबर । तमिलनाडु के प्रसिद्ध अरुणाचलेश्वर मंदिर में चल रहे कार्तिगाई महादीपम महोत्सव का मुख्य आयोजन आज होगा। परंपरा के अनुसार शाम को 2,668 फुट ऊंचे अन्नामलाई पर्वत शिखर पर विशाल महा दीप प्रज्वलित किया जाएगा। इस पवित्र अवसर पर लगभग 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।

शाम ठीक 6 बजे, तालवाद्यों के बीच विशेष दीप मंदिर से बाहर लाया जाएगा और उसे कोडिकम्बम के समीप स्थित विशाल दीप पात्र में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद अर्थनारीश्वर की विशेष पूजा के बाद दीप को पर्वत शिखर की ओर संकेत किया जाएगा। संकेत मिलते ही पर्वतराज समुदाय के लोग महा दीप को शिखर पर जलाएंगे। यह दिव्य दीप अगले 10 दिनों तक लगातार प्रज्वलित रहेगा और 10 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देगा।

विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान

आज सुबह मंदिर के द्वार खुलते ही भगवान अरुणाचलेश्वर और उन्नामलाई अम्मन की विशेष अभिषेक और पूजा की गई। विनायक, सुब्रमण्य, पराशक्ति अम्मन, चंडीकेश्वर सहित सभी प्रमुख संनिधियों में भी पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई। इसके बाद पांच-स्तरीय परणी दीप की शोभायात्रा निकाली गई और मंदिर परिसर में स्थापित किया गया।

यह आयोजन दक्षिण भारत की सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित धार्मिक परंपराओं में से एक माना जाता है। इस मौके पर हिंदू धर्म कल्याण विभाग के मंत्री सेकारबाबू, जिला कलेक्टर तर्पकराज, राज्य एथलेटिक्स संघ के उपाध्यक्ष कांबन सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और यातायात प्रबंधन योजना लागू की है। शहर में 15,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 1,060 सीसीटीवी कैमरे (जिसमें 303 केवल मंदिर परिसर में) लगाए गए हैं। इसके अलावा 24 निगरानी टावर, 26 संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त और निगरानी के साथ वाहनों की आवाजाही पर भी कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, जिला प्रशासन ने 2,325 बसों के लिए 24 अस्थायी बस अड्डे बनाए हैं। इसके अलावा, 4,764 विशेष बसों का एक विशाल बेड़ा, जो 11,293 फेरे लगाएगा, विशेष रूप से 3 और 4 दिसंबर को विभिन्न जिलों से चलेगा।

महादीपम के दिन शहर में दोपहिया वाहनों और निजी कारों की अनुमति नहीं होगी, इसलिए परिवहन विभाग अस्थायी बस स्टैंडों को गिरिवलम पथ और मंदिर से जोड़ने वाली 180 शटल सेवाएं संचालित करेगा, जो लगभग चार किलोमीटर दूर है। शटल सेवा के लिए प्रति यात्री टिकट की कीमत 10 रुपये है। आपातकालीन वाहनों और त्योहारों के संचालन के लिए निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कई नियमित बस मार्गों को भी परिवर्तित किया गया है।

अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से प्रतिबंधों का पालन करने और एक सुचारू, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध महादीपम अनुभव के लिए विशेष परिवहन सेवाओं का उपयोग करने की अपील की है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यह भी अनुरोध किया है कि वे यातायात नियमों और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें तथा सुगम, सुरक्षित और आध्यात्मिक अनुभव हेतु विशेष परिवहन सेवाओं का उपयोग करें।

उल्लेखनीय है कि यह आयोजन कार्तिक दीप महोत्सव का महत्वपूर्ण चरण है, जिसकी शुरुआत इस वर्ष 24 नवंबर को कोडियेर्ट (ध्वजारोहण) के साथ हुई थी। इस महोत्सव के तहत प्रतिदिन सुबह भगवान गणेश और चंद्रशेखर स्वामी तथा रात में पंचमुखी उत्सव मूर्तियां नगर भ्रमण कर रही हैं।

 
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