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चंदेलकाल में बना बना मंदिर संवरकर बनेगा यादगार

Date : 12-Jun-2023

 जिले में सैकड़ों साल पुराने ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर को चमकाने के लिए राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गई है। इस काम के लिए शासन ने 85.14 लाख रुपये की मंजूरी भी दी है। यह मंदिर नक्काशी के लिए बेमिसाल है। मंदिर के हर हिस्से में सम्पूर्ण रामायण और श्रीकृष्ण की लीलाएं भी चित्रित हैं।

जिले के मौदहा तहसील क्षेत्र के खंडेह गांव में बड़े क्षेत्रफल में रामजानकी मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर चंदेलकाल में बना था। करीब आठ हजार की आबादी वाला खंडेह गांव सरकारी जिला गजिटियर्स के 108 पेज में आज भी दर्ज है। इस गांव में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए किसी जमाने में परगना होता था। सन 1878 में इस गांव को नाना गोविन्द राव ने अंग्रेजी हुकूमत को सौंपा था। तब यह इलाका महोबा परगना में जुड़ा था। मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में खंडेह महल कालिंजर सरकार के आधीन इलाहाबाद सूबे में रहा है। मुगलों के बाद मराठाओं ने इस क्षेत्र में शासन किया था। मौजूदा में गांव के राकेश कुमार बाजपेई यहां मंदिर के पुजारी हैं, जो भीष्मदेव दुबे के पारिवारिक मेम्बर है।

बदहाल मंदिर और तालाब को चमकाने के लिए बना बड़ा प्लान

सदर विधायक डाॅ.मनोज प्रजापति ने बताया कि खंडेह गांव के रामजानकी और शिवमंदिर को पर्यटन विभाग ने तीन साल पहले अपने आधीन ले लिया था। पहली किस्त के रूप में पचास लाख रुपये रिलीज किए गए थे। इसमें पर्यटन विभाग ने बोर्ड और अन्य कार्य कराए। अब मंदिर के आस-पास क्षेत्र को चमकाने और अन्य पर्यटन सम्बन्धी कार्य कराने के लिए 85.14 लाख रुपये की मंजूरी शासन ने दी है। मंदिर के सर्वराकार प्रद्युम दुबे ने बताया कि यह मंदिर ऐतिहासिक है।


एक ही पत्थर का बना नजर आता है रामजानकी मंदिर

रामजानकी मंदिर के प्रमुख सर्वराकार प्रद्युम दुबे उर्फ लालू दुबे ने बताया कि सैकड़ों साल का प्राचीन राम दरबार का मंदिर करीब एक एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर के निर्माण में चित्रकूट के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। पत्थरों को इस तरह से मिलाकर सेट किया गया है कि ये एक ही पत्थर में बना नजर आता है। उन्होंने बताया कि राम दरबार मंदिर गांव के तत्कालीन जमींदार चंदीदीन दुबे ने बनवाया था। यहां राम, लक्ष्मण, सीता की बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियां स्थापित हैं। दक्षिणमुखी श्रीहनुमान की भव्य प्रतिमा भी विराजमान है।

मंदिर में चित्रित है सम्पूर्ण रामायण व श्रीकृष्ण की लीलाएं

रामजानकी मंदिर के महंत राकेश बाजपेई ने बताया कि मंदिर के ग्रेनाइट पत्थर पर सम्पूर्ण रामायण और महाभारत के प्रसंग चित्रित है। बताया कि संगमरमर और ग्रेनाइट पत्थरों पर नक्काशी भी बड़ी ही अद्भुत है। मंदिर की नक्काशी कराने के लिए राजस्थान और कर्नाटक से कारीगरों को बुलवाया गया था। महंत ने बताया कि रामजानकी मंदिर का शिवमंदिर भी बड़े क्षेत्रफल में बना है। ये समकालीन मंदिर है। शिवमंदिर में नीलम रत्न का शिवलिंग स्थापित है, जो बड़ा ही अद्भुत है। परिक्रमा मार्ग में श्रीगणेश, मां पार्वती और नंदी की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं।

 
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