"आप भी कैसी बातें करते हैं, महाराज ! भला इन पत्थरों को लेकर मैं वहां कैसे जा सकता हूँ ?"
उस दुराचारी की आँखें खुल गयीं | नानक के चरणों पर गिरकर उनसे क्षमा मांगी और प्रजा को कष्ट न देने का वचन दिया |
"आप भी कैसी बातें करते हैं, महाराज ! भला इन पत्थरों को लेकर मैं वहां कैसे जा सकता हूँ ?"
उस दुराचारी की आँखें खुल गयीं | नानक के चरणों पर गिरकर उनसे क्षमा मांगी और प्रजा को कष्ट न देने का वचन दिया |