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जो व्यक्ति दूसरों के काम न आए वास्तव में वह मनुष्य नहीं है - ईश्वर चंद्र विद्यासागर

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शिवाजी महाराज के जीवन सूत्रों की वर्तमान भारत में प्रासंगिकता

Date : 19-Jun-2024

शिवाजी महाराज मध्यकालीन भारत के एक ऐसे महापुरुष ,अप्रतिम योद्धा ,हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक ,मुगलिया सल्तनत को चुनौती देने वाले वीर सेनानी थे, जिन्होंने मुगलों के मिथ्या अभिमान को चूर -चूर किया एवं भारत में महाराष्ट्र, बीदर, गोलकुंडा, गोवा, मध्यभारत के एक बड़े भूभाग को 'हिंदवी साम्राज्य' के छत्र के तले लाकर हिंदु समाज को निर्भय किया ," हिंदू साम्राज्य " स्थापित किया, तत्कालीन सारी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए। मध्यकाल में मुगलों के आक्रमण- धर्मांतरण ,क्षत-विक्षत हिंदू स्वाभिमान, समाज में आत्मविश्वास हीनता, मंदिरों का विध्वंस, हिंदू संस्कृति पर निरंतर आक्रमण, हिंदू समाज में भविष्य की असुरक्षा का वातावरण, अफरा -तफरी का तमोच्छादित,  अधोगामी वातावरण से हिन्दु समाज ग्रसित था।

छत्रपति शिवाजी महाराज के समय की परिस्थिति अगर हम देखेंगे तो ध्यान में यह बात आती है कि अपनी आज की परिस्थिति और उस समय की परिस्थिति इसमें बहुत अंशों में समानता है। उस समय जैसे चारों ओर से संकट से समाज अत्याचारों से ग्रस्त था, पीड़ित था ,वैसे ही आज भी तरह-तरह के संकट हैं और केवल विदेश के और उनकी सामरिक शक्तियों के संकट नहीं है, सब प्रकार के संकट हैं । उस समय भी यह संकट तो थे ही लेकिन उन संकटो के आगे समाज अपना आत्मविश्वास खो बैठा था। यह सबसे बड़ा संकट था। मोहम्मद बिन कासिम (712 ई .) के आक्रमण से इन संकटों का सूत्रपात हुआ। हम लड़ते रहे, लेकिन लड़ाई में बार-बार मार खाते, कटते- पिटते भी रहे। विजयनगर के साम्राज्य का जब लोप हो गया तो समाज में एक निराशा सी व्याप्त हो गई। जैसी आज देखने को मिलती है। जब समाज में आशा की कोई किरण दिखाई नहीं देती तब पहला परिणाम होता है आत्मविश्वास शून्यता । शिवाजी के पूर्व के समय में ऐसे ही स्थिति थी कि हिंदू समाज 'विजीगीषा 'छोड़कर ,हताश होकर बैठा था। जब आत्मविश्वास शून्यता  समाज में आती है तो फिर सब प्रकार के दोष समाज मे आ जाते हैं, स्वार्थ ,कलह आ जाती है। और इसका लाभ लेकर विदेशी ताकतें बढ़ती चली जाती हैं फिर सामान्य लोगों का जीवन दुर्भर हो जाता है।

ऐसे अंधकार शून्य वातावरण में प्रकाश की एक किरण के रूप में शिवाजी महाराज का ' ' हिंदवी साम्राज्य" का स्वप्न समाज में एक आशा की किरण था। शिवाजी महाराज ने समाज में आत्म गौरव- हिंदू गौरव, आत्मविश्वास का वातावरण निर्माण किया और अपने प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध कर दिया कि हिंदू समाज भी अपना 'धर्मराज्य' - 'स्वराज' स्थापित कर सकता है। अतः किसी की पराधीनता स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं है; और आहवान किया आओ!  हम सब मिलकर एक 'हिंदू साम्राज्य' /'हिंदू स्वराज' की स्थापना करें। तब उस समय शिवाजी महाराज के उधम से विदेशी आक्रमण के साथ लंबे संघर्ष के बाद भारतीय इतिहास में पहली बार हिंदुओं का अधिकृत, विधिसंमत, स्वतंत्र सिंहासन (हिंदवी स्वराज )स्थापित हुआ। सारे प्रयोग के प्रयासों की अंतिम सफल परिणति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक है। यह केवल शिवाजी महाराज की विजय नहीं है। लड़ने वाले हिंदू राष्ट्र की अपने शत्रुओं पर विजय है। शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक संपूर्ण हिंदू राष्ट्र के लिए एक संदेश था कि यह विजय का रास्ता है इस पर चलो। और इस रास्ते पर कूच बिहार के राजा रूद्र सिंह, असम के राजा चक्रध्वज व बुंदेलखंड के  राजा छत्रसाल चले और अपने शत्रुओं को उन्होंने मातृभूमि से खदेड़ बाहर किया ।

लिस्बन के पुर्तगीज आर्काइव्स में पत्र है गोवा के गवर्नर का। गोवा के गवर्नर का एक नौकर शिवाजी महाराज की एक किल्लेदार रावजी सोमनाथ पतकी का रिश्तेदार था। उसने रावजी को पूछा- यह शिवाजी महाराज इतना झगड़ा- झंझट क्यों कर रहे हैं? सुख से रह सकते हैं, लेकिन नहीं रहते हैं, उद्देश्य क्या है? पतकी ने शिवाजी महाराज से पूछा- " महाराज ये  हम इतना कष्ट सहन करके सारा कर रहे हैं, अब बहुत बड़ा स्वराज हो गया। वैसे आपकी पूना जागीर तो बहुत छोटी थी, अब तो बहुत विस्तार हो गया, करना क्या है? कितना आगे जाना है? " तो शिवाजी महाराज ने उत्तर दिया- " सुनोसिंधु नदी के उद्गम से कावेरी के दक्षिण तक ये हमारी भूमि है। इसमें से विदेशी लोगों को बाहर करना और जो तीर्थ स्थल उन्होंने ध्वस्त किए उनका पुनर्रमंडन करना इसके लिए अपना उद्यम है।''

शिवाजी महाराज की दृष्टि इतनी व्यापक थी जैसे आज की भाषा में हम कहते हैं  - अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति व हिंदू समाज का संरक्षण कर हिंदू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति। यह दृष्टि शिवाजी महाराज की थी।

 आज वर्तमान भारत में भीषण चुनौतियां हैं। राष्ट्र संकटो से घिरा हुआ है। कश्मीर समस्या, बॉर्डर पर चीन व पाकिस्तान की चुनौती/ कारनामे, पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में अलगाववाद- 11 देशद्रोही आतंकी संगठन (ULFA, BODO, CNN, NSCN, GNLA, CCP, PLA etc.. ) वह चीन के पोषित हैं व इन राज्यों को भारत से तोड़ने में लगे हुए हैं। डोकलाम, पेंग्विन झील पर चीन की नापाक/ हड़प दृष्टि है। इसाई पोप के एजेंट गरीब बनवासी जनता को धर्मांतरण करने में निरंतर लगे हुए हैं। पूर्व में असम से लेकर झारखंड, बिहार ,मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल तक जिहादियों ने एक 'GREEN CORIDOR'  हरी पट्टी बना ली है। जिसमें से सैकड़ों गांवों में हिंदू अल्पसंख्यक व मुस्लिम बहुसंख्यक हो चुके हैं। बांग्लादेश बॉर्डर से लगे हुए 50 गांव में हिंदू 50% से कम हो गया है। देश में लगभग 10 करोड बांग्लादेशी घुसपैठिए घुस चुके हैं ;जो पूरे देश में फैल चुके हैं ,जिनका देश के 30- 35% संसाधनों पर कब्जा हो चुका है। सेना व रेलवे के बाद आज सबसे अधिक जमीन 'वक्फ बोर्ड' के पास है। देश में आज 3 लाख से अधिक मस्जिदें- मदरसे (जिहादी बंकर ) बन चुके हैं। सौ से अधिक जिहादी संगठन( PFI ,SIMI, ISIS , HIVT UL TAHRIR etc..) भारत को  2047 तक इस्लामी राष्ट्र में कन्वर्ट करने में लगे हुए हैं। प्रतिवर्ष भारत में एक लाख से अधिक हिंदू लड़कियां 'लव जिहाद ' के माध्यम से गायब (कम) हो रही हैं। सेना - पुलिस में IsI पाक के एजेंट (गुप्तचर) घुसे हुए हैं। भारतीय सेना को दो टके के जिहादी पत्थर मारते हैं । 'पोटा' ( POTA) आतंक निरोधक कानून कांग्रेस द्वारा समाप्त कर दिया गया है। देश में सुनियोजित तरीके से दिल्ली, बेंगलुरु,मेवात ,मुजफ्फरनगर ,मणिपुर में दंगे हो रहे हैं, हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं। जिहादियों के स्लीपर सेल की देश में विस्फोट करने में अहम भूमिका है । आज देश में अर्बन नक्सली, टुकड़े -टुकड़े गैंग, वामपंथी नक्सलवाद देशद्रोही गतिविधियों में चरम पर हैं । झूठे' विमर्श ' NARRATIVE फैलाकर भारत को बदनाम कर रहे हैं। ' वैश्विक बाजारवादी शक्तियां' Global Forces  चीन, कनाडा,टर्की,पाक, अमेरिका ,इंग्लॅण्ड,अरव कंट्रीज इत्यादि निरन्तर भारत के खिलाफ ऐजेंडा/ षडयंत्र कर रहे हैं ।

वर्तमान भारत के पीएम नरेंद्र मोदी जी स्वर्णिम, अजेय, समर्थ, सुपर पावर, वैश्विक महाशक्ति ( Super Power) के रूप में भारत का निर्माण कर रहे हैं। उनकी प्रेरणा ,रणनीति के मूल में शिवाजी महाराज ही हैं। आज देश में भीषण संकट ,राष्ट्रद्रोह ,राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बीच प्रधान सेवक जी अपने शौर्य ,पराक्रम, धैर्य, दूरदर्शिता , जीवटता के रूप में वीर शिवाजी की भूमिका में कार्य कर रहे हैं। विगत वर्ष 2014 जब से मोदी जी के हाथ में भारत की सत्ता की बागडोर आई है तभी से भारत की ''तकदीर व तस्वीर'' दोनों बदलना प्रारंभ हुई है। आज वैश्विक परिदृश्य में भारत को जो सम्मान व स्थान मिल रहा है वह अद्वितीय, अनुपम व अतुल्य है। इसका कारण मोदी जी का 14 घंटे प्रतिदिन का अथक परिश्रम व शिवाजी महाराज की रणनीति पर चलते हुए देश का चहुमुखी विकास करना है। पीएम मोदी की प्रत्येक योजना सटीक व सफल होती है, शपथ लेने के पूर्व ही 100 दिन की कार्य योजना पहले से तैयार हो जाती है। आज देश के शत्रुओं का दिल दहल रहा है, शत्रुओं में हा-हाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है की पता नहीं मोदी क्या करने वाला है ,पता नहीं कब अटैक कर दे । सेना को 'फ़्री हैण्ड' दिया गया है । चीन को दो बार 'पेंग्विन झील ''डोकलाम' में भारत ने सबक सिखाया, आंखों में आंखें डाल कर देखा और शत्रु को यह संदेश दिया कि-  " यह नया भारत है जो न रूकता है, न झुकता है । यह बंशीधारी व चक्र सुदर्शन धारी कृष्ण दोनों का उपासक है अतः कोई गलतफहमी में ना रहे,,,,

भारत ने पाकिस्तान पर दो सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की, तभी तो 70 साल में पहली बार पकिस्तान ने भारत के पायलट 'अभिनंदन वर्धमान 'को सही सलामत- बाइज्जत भारत को वापस लौटाया अन्यथा इंदिरा गांधी के कार्यकाल 1971 में भारत के 30 फाइटर जहाज की पायलट पाक की जेलों में ना-ना प्रकार के कष्ट सहते हुए मर गए। आज भारत दुनिया को हर मोर्चे पर टक्कर दे रहा है। भारत की सेना आज वर्ल्ड में चतुर्थ पायदान ( 4 th Ranking) पर आ चुकी है । "Make in India"  के द्वारा भारत में प्रत्येक वस्तु का स्वदेशी उत्पादन किया जा रहा है। भारत के 'तेजस' स्वदेशी लड़ाकू विमान की विदेशों से डिमांड आ रही है । भारत में आज पीपीई किट, पनडुब्बी, नौसैनिक बेड़ा ,भीष्म टैंक, मिसाइले, स्वचालित हथियार ,उपग्रह, स्वदेशी ट्रेन (वंदे भारत ) , काली (महाविनाशक हथियार)  कोरोना वैक्सीन, कैंसर वेकसीन , हेलीकॉप्टर ,सोलर पैनल ,मेट्रो ट्रेनइत्यादि सभी " मेक इन इंडिया" के तहत स्वदेश में निर्माण किए जा रहे हैं। 'ब्रह्मोस' जैसी अचूक मिसाइलों का भारत आज कुशलता से उत्पादन कर रहा है। भारत के कानपुर, लखनऊ ,आगरा में हथियारों की फैक्ट्री लग रही है। कर्नाटक में हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का निर्माण करके एक लाख हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया जाएगा । आज भारत में पहिले से तीन गुने 150 हवाई अड्डे बन चुके हैं । लाखों किलोमीटर के हाईवे बन रहे हैं। वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन (रानी कमलापति- भोपाल) जैसे रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। आज अयोध्या नगरी में world-class एरोड्रम (हवाई अड्डा) ,रेलवे स्टेशन से लेकर विश्व के महानगरों से जोड़ा जा रहा है। न्यूयार्क, बीजिंग ,लंदन, सिडनी ,पेरिस ,मास्को से सीधी फ्लाइट अयोध्या के लिए मिलेंगी। बनारस में काशी कॉरिडोर बनने से आज 7 लाख तीर्थ यात्री देश -विदेश से आकर काशी विश्वनाथ व मां गंगा के दर्शन -स्नान कर रहे हैं। तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होती चली जा रही है। आज मोदी जी शिवाजी महाराज की तरह देश में दसों -दिशाओं में  (Multy dimension Progress) कर रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में भारत में आतंकी नगरों में एक भी विस्फोट नहीं कर सके हैं । माओवाद/ नक्सलवाद पर अंकुश लगता चला जा रहा है। देशद्रोही शक्तियां बिल-बिला रही हैं ,त्राहिमाम -त्राहिमाम कर रही हैं क्योंकि उन्हें अपना भयानक अंत नजर आ रहा है । 

                                       

भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय शक्तियों Global Forces के षड्यंत्र मोदी जी नाकाम (बिफल) कर रहे हैं। चीन ने पिछले दिनों 'ग्लोबल मीडिया' को खरीद कर भारत विरोधी झूठे विमर्श ( Narrative) /खबरों को फैलाया किंतु मोदी जी के आगे विदेशी शक्तियो की नहीं चल पा रही है। उल्टे कई देशों के द्वारा भारत को उसकी चोरी गई मूर्तियों को ससम्मान लौटाया जा रहा हैं तोहफे के रूप में। कश्मीर में धारा 370 हटाने से अच्छे दिन आ गए हैं। अब लाल चौक पर आजादी का महोत्सव शान से मनाया जा रहा है। आज कश्मीर घाटी जिहादी आतंकियों की 'मौत की घाटी ' (Velly of death) बन चुकी है। आज भारत का पुरातन /सनातन वैभव ( Ancient glorious days ) पुन: वापस लौट रहा है। आज भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। मोदी जी की दूरदृष्टि, पंचप्रण, स्वदेशी, डिजिटल इंडिया ,स्वतंत्र विदेश नीति, नारी सशक्तिकरण( उज्ज्वला योजना) आयुष्मान भारत योजना, पीएम आवास योजना,युद्घ स्मारक ( War Memorial), न्यू स्टार्ट अप के माध्यम से ''स्वर्णिम भारत- अजेय भारत" का निर्माण हो रहा है। दसों दिशाओं में भारत की जय- जयकार हो रही है। रामराज्य भारत में वापस लौटता दिखाई दे रहा है। 'गरीबी भारत छोड़ो', "स्वच्छ भारत अभियान " चल रहा है। अंग्रेजो के जमाने के काले कानूनों को एक- एक करके समाप्त किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात 500 वर्षों के संघर्ष ( 25 पीढ़ियों )व लाखो हुतात्माओं के बलिदान के पश्चात आज मोदी जी के भागीरथी पुरुषार्थ से अयोध्यापुरी में भव्य -दिव्य ,वैभवशाली श्रीराम मंदिर का निर्माण हो गया है।

कहते हैं कि- " बात उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है । "और वही बात ( हिन्दुत्व- रास्ट्रभक्ति ) मोदी जी में है । वह तो फकीर हैं, जो राष्ट्र के लिए निकले हुए हैं। अतः जो सत्य -धर्म, "सज्जन शक्ति" /" राष्ट्र की विजय" चाहते हैं । जो रामराज्य ,सतयुग ,परम वैभव भारत में लाना चाहते हैं, उन्हें सत्य -धर्म के साथ अर्थात मोदी जी के साथ खड़ा होना चाहिए । उनका समर्थन, सहयोग करना चाहिए । तभी राष्ट्रघाती शक्तियों का अंत हो सकेगा और भारत की पीढ़ियां -नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित होगा अन्यथा असुरता भारत राष्ट्र को निगलने पर आमादा है। जैसे शिवाजी का साथ मावलों, प्रभुजी देशपांडे ,जीवा महाला, तानाजी मालुसरे ने दिया था वैसे ही आज भारत वासियों को पुनः राष्ट्र की विजय, भारत की विजय के लिए साथ खड़े होने, संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता है ; तभी ' पूर्ण विजय 'का संकल्प पूर्ण होगा।

जरा चिंतन कीजिए....

 देश मिटेगा तो बचेगा क्या ?

 देश बचेगा तो मिटेगा क्या ?

जैसी की वीर शिवाजी महाराज की प्रेरणा थी की ' स्वराज ' अर्थात राष्ट्र के लिए सर्वस्व त्याग/ बलिदान यानी कि ' राष्ट्र प्रथम: ' आज की वर्तमान परिस्थितियों में वही 'विजीगीषु' की भावना लेकर राष्ट्र रक्षा- राष्ट्र निर्माण हेतु देश के समाज को प्राण- पण से युद्ध स्तर पर लग जाना चाहिए। आज का ' युगधर्म'- 'आपातकालीन धर्म " यही कहता है कि - अपने व्यक्तिगत स्वार्थ, महत्वाकांक्षा, लालच, व्यामोह को त्याग कर पार्थ की तरह गांडीव की टंर्कार कर । आज शत्रु दन-दना रहा है चहुं दिशा में देश की । पता बता रही हमें ,किरण- किरण दिनेश की। आज देश के बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, राष्ट्रभक्तों, भावनाशीलो, प्राणवानो  को प्रकाश स्तंभ, प्रेरणा स्रोत, 'रोल मॉडल' बनने की आवश्यकता " Think globaly and act locally ." । जागृत हिंदू को समाज का नेतृत्वकर्ता , अग्रेसर ,गटनायक ,कमांडो MT (मास्टर ट्रेनर ) बनने की जरूरत है। हम जहां पर हैं वहीं पर शत्रुओं के खिलाफ मोर्चा खोलें, समाज को साथ लेकर। सर्वप्रथम जिहादियों का आर्थिक बहिष्कार करें। जरा सोचिए 80% देश में हिंदू हैं; यदि हमने इन जिहादियों से प्रत्येक वस्तु न खरीदने व सहयोग न करने का दृण संकल्प ले लिया तो पाकिस्तान जैसी इनकी कमर टूट जाएगी व कटोरे पर आ जाएंगे। आज देश के शत्रुओं पर विजय हेतु हमें शिवाजी महाराज के जीवन के प्रत्येक पहलू से प्रेरणा/सीख लेने की अत्यंत आवश्यकता है जैसे कि - "पूर्व योजना -पूर्ण योजना" ,  "शस्त्र व शास्त्र का संगम" , "एक हाथ में माला- एक हाथ में भाला" , "रोको -टोको नहीं तो ठोको" ।

अरे बंधुओं जरा विचार कीजिए वे 20% होकर 80% को परेशान कर रहे हैं क्यों? यानी अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक पीड़ित हैं? धिक्कार ! है धिक्कार ! है इसका कारण हमारा हिंदुओं का निष्क्रियअसंगठित, निशस्त्र होना है । इसका कारण 'आत्मबोध' /'आत्म विस्मृति' है अर्थात 'स्व' का जागरण- 'बोध' करना होगा । हमें हमारे गौरवशाली अतीत का स्मरण करना होगा। हमारे इतिहास के अजेय ,अनुपम, महापराक्रमी, अतुल्य योद्धाओं को याद/ स्मरण करना होगा पुन: विजय के गान- गाने होंगे।

हे! आर्यावर्त के वीरो! कभी इतिहास में हमारे पूर्वज महान तपस्वी ऋषि भागीरथ ने अपने पुरुषार्थ से मां गंगा को धरती पर अवतरित किया था, जो भगवान श्रीराम के पूर्वज थे। महाराज दशरथ ,दिलीप ,रघु, इक्ष्वाकु, हरिश्चंद्र के पराक्रम- शौर्य से सारी वसुधा डोलती थी, सारा विश्व नतमस्तक था। यह सभी दिग्विजय- चक्रवर्ती सम्राट थे। जिनका राज्य संपूर्ण वसुधा पर था। इनके राज में कोई भी धरती पर पाप अर्थात धर्म- मर्यादा का उल्लंघन नहीं कर सकता था। यदि किसी ने त्रुटि बस ऐसा किया तो उसे तुरंत मृत्युदंड मिलता था। जिनका प्रण -संकल्प था - " प्राण जाई पर वचन न जाई " । महर्षि अगस्त्य ने अपनी शक्ति से समुद्र का पान कर लिया था। महर्षि व्यास ज्ञान के अवतार थे। महर्षि भारद्वाज विमान शास्त्र के ज्ञाता थे। तो महर्षि याज्ञवाल्कय यज्ञ विद्या /विज्ञान के प्रणेता थे। महर्षि पतंजलि योग विज्ञान प्रणेता, चरक- सुश्रुत, धनवंतरी ,अश्विनी कुमार आयुर्वेद के ज्ञाता, विश्वामित्र गायत्री महाविद्या के ज्ञाता/ दृष्टा ऋषि थे ,वंही महर्षि वशिष्ठ राजाओं के मार्गदर्शक थे, महर्षि परशुराम ने फरसे से अधर्मीयो, पापियों को धरती से समूल नष्ट किया था। महाराज मनु ने 'मनुस्मृति' के माध्यम से संपूर्ण मानव समाज को 'जीवन व्योहार संहिता' " हुमन कोड आफ कंडक्ट" - बनाकर मार्गदर्शन किया था। महान पराक्रमी महाराज मुचुकुंद  को स्वर्गाधिपति राजा इंद्र ने अपनी सहायता हेतु स्वर्ग आमन्त्रित किया था। भूल गए भगवान श्रीरामचंद्र ने समुद्र पर सेतु बांधा था व त्रिलोक विजेता रावण को धूल चटाई थी। अपने पराक्रम व संकल्प से विभीषण व सुग्रीव को राजा बनाया था।  इंद्र जिन पर पुष्प वर्षा करता था व स्वयं भोलेनाथ शंकर जी जिन्की वंदना किया करते थे। जिनकी उज्जवल कीर्ति- कथा (श्रीरामायण) का पान /श्रवण करते हैं ।

हे! भरतभू के वीर हिंदुओं ! तुम्हारे पूर्वजों की गौरवगाथा, शौर्य- पराक्रम से इतिहास भरा पड़ा है। हिंदुओं जागो ! अपने को पहचानो !! कहीं देर ना हो जाए। ऐसे महान पूर्वजों के वंशज होकर हिंदू आज सहायता के लिए पुकारता है; तो लज्जा आती है। अरे! हमने दुनिया की ,स्वर्ग के राजा इंद्र की सहायता की है। हमने विश्व को " कृणवंतो विश्वमार्यम्ं " के संकल्प से ज्ञान- विज्ञान- दर्शन का अवदान दिया था। हमने विश्व को "जीवन जीने की कला" ( Art of living ) सिखाई थी ।

संपूर्ण विश्व से लोग भारत में ज्ञान लेने /पढ़ने आते रहे हैं।  हेनसॉन्ग , शुन्ग्युन, इत्सिंग, टालेमी , मेगथ्नीज, मैक्समूलर, निकोली, कोन्टी,अब्ब्दुल रज्जाक, अल्वरुनी इत्यादि भारत के शिष्य / आते रहे हैं । दुनिया का सर्वप्रथम ग्रंथ 'ऋग्वेद' भारत का है। अरे! विश्व की ''प्रथम संस्कृति- भारतीय संस्कृति" है। अरे ! जागो!! "हम दाता थे, भिकारी नहीं।" हिंदुओं ने विश्व में कालचक्र का प्रवर्तन किया था। इतिहास के अनेकों युगों /कालखंडों में भारतवर्ष 'जगद्गुरु' रहा है। अरे! भूल गए ऋषियों की संतानों!!  भारतवर्ष में घास- फूस की झोपड़ी में रहने वाले ऋषियों- महर्षियों, तपस्वियों के दर्शन लाभ लेने देश-विदेश के राजे- महाराजे लाइन लगाया करते थे। अरे! भूल गए -सारी दुनिया से भगाए/ सताये मनुष्यों को अगर किसी ने शरण दी है तो वह भारत ही है। सारे विश्व को ' वृहत्त परिवार' Global Family  मानकर भारत मां ने संरक्षण- संवर्धन, दया, प्रेम का उदात्त व्योहार किया था । अत: हमें भारतीय/हिंदू/ सनातनी होने पर गर्व करना चाहिए। इसी लिये स्वामी विवेकानंद ने कहा-  " I am proud to call myself a Hindu ."

               " भारत का प्रत्येक हिंदू शेर है ,बस जागने की देर है।" 

हिंदू समाज को हनुमान जी जैसी विस्मृति की बीमारी है। अत: जगाने वाले जामवंत चाहिए । हिंदुत्व का जागरण ही देश- विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान है।

आज शिवाजी महाराज के राज्यारोहण की 350 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम ' स्वधर्म' पालन के लिए 'सर्वस्व समर्पण' का संकल्प लें, 'स्वदेशी' - 'स्वभाषा' को जीवन व्यवहार का मंत्र बनाएंगे। जिस प्रकार शिवाजी महाराज ने शत्रु को 'गोरिल्ला युद्ध' पद्धति से परस्त किया था वैसे ही हम भी वर्तमान के मायावी शत्रु को उसी की नीति से मात देंगे। अतः "जैसा रोग -वैसी दवा", "जैसे को तैसा उत्तर देंगे "/ टिट फॉर टैट। आज पुन: राष्ट्र पर संकट की घड़ी आई है अतः प्रत्येक हिंदू को शिवाजी बनकर देश-धर्म -समाज की रक्षा करनी होगी यानी "शक्ति व युक्ति " से काम लेना होगा । कब संयम व कब जोश से काम लेना है। यह विचार करके कार्य करना है। शत्रु की रणनीति को समझते हुए , निर्णय लेना है। शत्रु से 40 कदम आगे चलना है। शिवाजी महाराज की सभा में 18 प्रकार की पगड़ी वाले लोग थे अत: हमें भी संपूर्ण समाज के भेद-भावो ,जाति, मत, पंथ, वर्ग, भाषा को भुलाकर, समन्वय बनाकर साथ लेकर विजय के लिए चलना है । बस " चिड़िया की आंख" पर दृष्टि रखना है। वीरवर अर्जुन की तरह (बनवास काल को साधना काल बनाना) " चुनौती को अवसर में बदलना है ।" विजय निश्चित है।

हिंदू धीर -वीर हम,

हम नहीं किसी से कम।।         

काल के प्रवाह को, मोड़ कर ही लेंगे दम।।

 हर- हर बम -बम , हिंदू वॉकुरे हैं हम ।।..

कठोर अनुशासन से विजय प्राप्त होती है अतः " संगछत्वम- संवदध्वं" मंत्र से "एक संकल्प- एक विचार" के लिए हम सब साथ चलें। हमें " व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण" के पथ पर चलना है।अत:

" भारत मां के चरण कमल में ,

तन-मन-धन कर दें  न्योक्षावर।।

साधक आज प्रतिज्ञा करलें,

जननी के इस संकट क्षण में ।।"

हमारा लक्ष्य स्वर्णिम भारत ,दिग्विजय भारत, पराक्रमी भारत, निर्दोष भारत, अजेय भारत, जगतगुरु भारत ,परम वैभव "एक भारत -श्रेष्ठ भारत " World Power  'महाशक्ति' बनने का है ।

प्राण से प्रिय हमारे लिए है वतन ,

स्वर्ग से भी बड़ा है, हमारा वतन।।

रक्त से भी अगर, सींचना पड़ गया ,

बेहिचक सींच देंगे, वतन का चमन ।।

 
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