भारतीय रसोई में रोटी हर भोजन का अहम हिस्सा है—चाहे फुल्का हो या चपाती, यह हमेशा दाल-सब्जी के साथ थाली में शामिल रहती है। रोटी ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट और कई जरूरी पोषक तत्वों का बढ़िया स्रोत है, लेकिन इसकी पौष्टिकता इस बात पर निर्भर करती है कि इसे किस आटे से बनाया गया है। सही आटा चुनकर आप अपनी रोज़ की रोटी को और भी ज़्यादा हेल्दी बना सकते हैं।
रोटी में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और बी-विटामिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व ब्लड शुगर को स्थिर रखने, पेट भरा रखने, वजन नियंत्रित करने और ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं। इसी वजह से लोग गेहूं के अलावा बाजरा, ज्वार और रागी जैसे मिलेट्स के आटे आज़माने लगे हैं।
यदि रागी और ज्वार की तुलना करें तो रागी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। एक रागी की रोटी में लगभग 3.1 ग्राम फाइबर मिलता है, जबकि ज्वार की रोटी में करीब 1.4 ग्राम। अधिक फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और आंतों की सूजन कम करने में मदद करता है।
रागी की तुलना गेहूं से की जाए, तो रागी कई मामलों में बेहतर है। यह ग्लूटेन-फ्री है, हृदय के लिए अच्छा माना जाता है और अधिक फाइबर के कारण वजन कम करने में सहायक है। इसके पोषक तत्व पाचन क्रिया को भी मजबूत बनाते हैं।
ज्वार और गेहूं दोनों में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है और ये पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं। ज्वार की रोटी में मौजूद फाइबर ओवरईटिंग से बचाता है और पाचन को भी सुचारू बनाता है, इसलिए कई लोग इसे वजन घटाने के लिए गेहूं से बेहतर विकल्प मानते हैं।
गेहूं की रोटी स्वाद और बनावट के कारण रोजमर्रा में पसंद की जाती है, लेकिन जो लोग वजन या ब्लड शुगर नियंत्रित रखना चाहते हैं वे ज्वार, बाजरा या रागी जैसे मिलेट्स का उपयोग करके अतिरिक्त लाभ उठा सकते हैं। मिलेट्स धीरे-धीरे ऊर्जा रिलीज करते हैं, जिससे शुगर स्पाइक्स कम होते हैं।
कुछ लोगों को रागी की रोटी का गहरा रंग पसंद नहीं आता, लेकिन पोषण की दृष्टि से यह बेहद लाभकारी है। यदि स्वाद या रंग की दिक्कत हो, तो इसे अन्य आटों के साथ मिलाकर हल्का और खाने में आसान बनाया जा सकता है।
इसी कारण मिक्स्ड मिलेट फुल्का आज एक बेहतरीन विकल्प बन गया है। इसमें रागी, ज्वार, बाजरा और गेहूं सभी शामिल होते हैं, जो इसे डायबिटीज़ से लेकर वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों तक के लिए उपयुक्त बनाते हैं। एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर यह रोटी आसानी से रोज़ाना की थाली में शामिल की जा सकती है।
