बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के दस सदस्य फरवरी 2026 में होने वाले 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव में विदेश से वोट देने में असमर्थ रहेंगे क्योंकि उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) लॉक कर दिए गए हैं।
बांग्लादेश चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने बताया कि जिन लोगों के एनआईडी लॉक हैं, वे देश के बाहर मतदान के लिए पंजीकरण नहीं कर सकते, जिसमें हाल ही में प्रवासी बांग्लादेशियों के लिए शुरू की गई डाक मतपत्र सुविधा भी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वैध और अनलॉक एनआईडी के बिना ऑनलाइन पंजीकरण संभव नहीं है, इसलिए ऐसे व्यक्ति विदेश से मतदान नहीं कर पाएंगे।
एनआईडी लॉक करने का निर्णय इस वर्ष अप्रैल में चुनाव आयोग की राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण शाखा के निर्देश पर लिया गया था। इस कदम के बाद राजनीतिक दलों और मानवाधिकार समूहों के बीच मताधिकार और चुनावी निष्पक्षता को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिनके पास एनआईडी कार्ड हैं, उन्हें बांग्लादेश में व्यक्तिगत रूप से मतदान करने से कोई रोक नहीं है। यह प्रतिबंध केवल उन स्थानों पर लागू होता है जहां पंजीकरण या डाक/विदेशी मतदान के लिए एनआईडी की आवश्यकता होती है।
इस फैसले से प्रभावित प्रमुख नामों में शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय, बेटी साइमा वाजेद पुतुल, भतीजी ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीकी, भतीजे रदवान मुजीब सिद्दीकी और अन्य परिवारिक सदस्य शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में तीव्र ध्रुवीकरण के समय हुआ है और विपक्षी नेताओं को मतदान से रोकने के कारण आगामी चुनावों के दौरान राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है।