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भारत को रूस से नए साल में मिलेगा तीसरा एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

Date : 25-Dec-2022

 पाकिस्तान और चीन दोनों के खतरों से निपट सकता है यह एयर डिफेंस सिस्टम

- वायुसेना को एस-400 मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट अक्टूबर, 2023 तक मिलेंगी


नई दिल्ली, 25 दिसंबर (हि.स.)। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस भारतीय वायु सेना को अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तीसरी खेप अगले साल देने जा रहा है। भारत और रूस के बीच हुए पांच स्क्वाड्रन एस-400 मिसाइल सिस्टम का यह सौदा 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। भारत के रक्षा बेड़े में शामिल हो रहे इस रूसी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है। अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी पांचों खेप की डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बावजूद भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की तीसरी खेप अगले साल जनवरी-फरवरी से मिलनी शुरू हो जाएगी। यूक्रेन संघर्ष के बीच रूस ने एस-400 की दूसरी खेप देकर भारतीय सैन्य शक्ति में इजाफा किया था। रूस से दूसरी स्क्वाड्रन को देश की उत्तरी और पूर्वी इलाकों में तैनात किया जा चुका है। यह प्रणाली अलग-अलग रेंज की अपनी मिसाइलों से दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को 400 किमी. तक की दूरी तक तबाह कर सकती है। बीते साल दिसंबर में रूस से मिले मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पहली खेप को सेना ने पंजाब सेक्टर में तैनात किया है।

रूस से अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम की तीसरी खेप अगले साल जनवरी-फरवरी में भारत को मिलने वाली है। सतह से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाले इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भारत को आपूर्ति होने से चीन और पाकिस्तान की धड़कनें तेज होना लाजिमी हैं। भारतीय वायुसेना के 8 सदस्यों की एक टीम रूस में एस-400 का प्रशिक्षण ले चुकी है और भारत आकर अन्य कर्मियों के लिए एस-400 प्रणाली पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है। हर फ्लाइट में आठ लॉन्चर हैं और हर लॉन्चर में दो मिसाइल हैं। चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को रूस में बने इस ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बहुत जरूरत थी।

भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये में सौदे किया था जिसे रूस और भारत के रक्षा मंत्रियों ने 06 दिसंबर, 2021 को अंतिम रूप दिया था। भारतीय वायुसेना को एस-400 'ट्रायम्फ' मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट (फ्लाइट) अक्टूबर, 2023 तक मिलनी हैं। राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान एस-400 की पहली खेप दिसंबर, 2021 में भारत को मिली थी जिसे पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया है। यहां से यह एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान और चीन दोनों के खतरों से निपट सकता है। इस बीच फरवरी में यूक्रेन से युद्ध शुरू हो जाने पर रूस से मिलने वाले एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की आपूर्ति पर संकट के बादल गहराने लगे थे लेकिन रूस ने एस-400 की दूसरी खेप आपूर्ति की।

यह मिसाइल सिस्टम एक साथ मल्टी टारगेट को निशाना बनाकर दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और यूएवी को नष्ट कर सकते हैं। इस मिसाइल सिस्टम की दूरी करीब 400 किलोमीटर है। यानी अगर दुश्मन की मिसाइल किसी विमान या संस्थान पर हमले करने की कोशिश करेगी तो यह मिसाइल सिस्टम 400 किमी. दूर से ही नेस्तनाबूत करने में सक्षम है। यह एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल आवाज की गति से भी तेज रफ्तार से हमला बोल सकती है। एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है। यह मिसाइल जमीन से 100 फीट ऊपर उड़ रहे खतरे की पहचान कर सकता है।

 
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