रायपुर, 02 जुलाई । श्री रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान को मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने के मामले गिरफ्तार छह आरोपितों को बुधवार को सीबीआई के रायपुर के स्पेशल कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। सीबीआई की टीम आरोपितों से सात जुलाई तक रायपुर के वीआईपी रोड स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ करेगी। अदालत के निर्देशानुसार रिमांड के दौरान आरोपितों के परिवार के सदस्य और अधिवक्ता रोजाना आधा घंटे उनसे मिल सकेंगे।
आरोपितों में कर्नाटक के मंड्या मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. मंजुप्पा सीएन, निरीक्षण टीम की सदस्य डॉ चैत्रा एमएस, श्री रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान रायपुर के निदेशक अतुल कुमार तिवारी डॉ अशोक शैलके, रावतपुरा सरकार के निदेशक अतुल कुमार, हवाला लेन-देन से जुड़ा आरोपित सतीश और डॉ. चैत्रा का पति रविचंद्र शामिल हैं।
सीबीआई ने अदालत में बताया कि यह सिर्फ एक संस्थान तक सीमित मामला नहीं है बल्कि यह मेडिकल शिक्षा में संगठित भ्रष्टाचार का उदाहरण है। सीबीआई के वकील ने विशेष अदालत को बताया कि विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई है और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। सीबीआई ने 55 लाख रुपये की रिश्वत की रकम बरामद की है। रिश्वत की कुल रकम में से 16.62 लाख रुपये आरोपित डॉ. चैत्रा के पति रविचंद्र से और 38.38 रुपये आरोपित डॉ. मंजुप्पा के सहयोगी सतीश से बरामद किए गए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता अखिलेश सोनी ने मीडिया को बताया कि सीबीआई ने चार लोगों को रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। जबकि दो लोगों की गिरफ्तारी बेंगलुरु से हुई है। जहां से गिरफ्तारी की गई है, उनके पास से कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने डॉक्टर पर निजी मेडिकल कॉलेज की जांच रिपोर्ट सही बताने के लिए 55 लाख लेने का आरोप लगाया है, जो गलत है। डॉक्टर ईमानदारी से काम करते आए थे, लेकिन सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई का आरोप है कि डॉक्टर को हवाला के माध्यम से पैसे मिले हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेजों में मान्यता दिलाने के एवज में रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई ने एकदिन पहले ही छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली में 40 से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। गिरफ्तार किए गए छह आरोपितों में से 3 मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध डॉक्टर हैं। जांच के दौरान आरोपित डॉ. मंजुप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके और एसआरआईएमएसआर के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी को एक जुलाई को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है, वहीं रविचंद्र और सतीश को बैंगलोर से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया।