नीति आयोग ने आज "रासायनिक उद्योग: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना" शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जिसका उद्देश्य 2040 तक वैश्विक रासायनिक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की हिस्सेदारी को मौजूदा 3.5% से बढ़ाकर 5-6% तक पहुंचाना है।
यह रिपोर्ट भारत के रासायनिक क्षेत्र का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें उद्योग से जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों को रेखांकित किया गया है। साथ ही, यह दस्तावेज़ देश को वैश्विक रासायनिक बाजार में एक अग्रणी भूमिका दिलाने के लिए रणनीतिक रोडमैप भी सुझाता है।
नीति आयोग के अनुसार, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई राजकोषीय और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेपों की योजना बनाई गई है, जिनमें प्रमुख हैं:
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मौजूदा औद्योगिक क्लस्टरों का आधुनिकीकरण और नए क्लस्टरों का विकास
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बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स अवसंरचना का विस्तार
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मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देना
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रासायनिक उद्योग के लिए प्रतिभा विकास और कौशल उन्नयन कार्यक्रमों की शुरुआत
इन पहलों का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी और स्थायी रासायनिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिससे न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी सृजित होंगे।
यह रिपोर्ट नीति निर्धारकों, उद्योग जगत, निवेशकों और शोधकर्ताओं के लिए एक दिशा-निर्देशक दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगी, जिससे भारत के रासायनिक क्षेत्र में दीर्घकालिक परिवर्तन की नींव रखी जा सके।