चुनाव आयोग ने बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक दलों को जानकारी दी है। यह अभियान सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करने के उद्देश्य से योजनाबद्ध, संरचित और चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है।
नई दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में आयोग ने कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), समाजवादी पार्टी, डीएमके और झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की, उनके साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित थे। इस दौरान पार्टी प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
आयोग ने बताया कि राज्यभर में अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और इसमें 1.54 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंटों की सक्रिय भागीदारी से पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।
पुनरीक्षण प्रक्रिया के चरण:
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पहला चरण (25 जून – 3 जुलाई):
राज्य के लगभग 7.9 करोड़ मतदाताओं को गणना प्रपत्र (enumeration forms) वितरित किए गए। -
दूसरा चरण (3 जुलाई – 25 जुलाई):
मतदाता गणना प्रपत्र भरकर जमा करेंगे। इस प्रक्रिया में बूथ स्तर के अधिकारी और स्वयंसेवक मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं।
प्रमुख तिथि:
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1 अगस्त 2025: मसौदा मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) प्रकाशित की जाएगी।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से इस प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग की अपील की है ताकि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे।