शिमला, 14 जुलाई । भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू) शिमला में विशिष्ट प्रोफेसर बनने के विश्वविद्यालय के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक अत्यंत गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है, जो न केवल संस्थान की शैक्षणिक प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि कानून की शिक्षा और अनुसंधान में एक नया युग भी आरंभ करेगा।
न्यायमूर्ति खन्ना का एचपीएनएलयू से पुराना और गहरा संबंध रहा है। वे पूर्व में विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और विधिक शिक्षा एवं संस्थागत विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सर्वविदित है। विशिष्ट प्रोफेसर के रूप में उनकी उपस्थिति से विश्वविद्यालय का बौद्धिक परिवेश और भी समृद्ध होगा।
यह आमंत्रण एचपीएनएलयू की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) प्रीती सक्सेना द्वारा दिया गया था, जिसे न्यायमूर्ति खन्ना ने सहर्ष स्वीकार किया। कुलपति डॉ. सक्सेना ने इस अवसर पर कहा, “न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का विश्वविद्यालय से दोबारा जुड़ना हमारे लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि यह हमारे संस्थान के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण भी है। उनकी विद्वता, अनुभव और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता हमारे शिक्षण और शोध कार्यों को दिशा देगी।”
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 51वें मुख्य न्यायाधीश रहे और वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे।