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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक में विभिन्न परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

Date : 14-Jul-2025

शिवमोग्गा, 14 जुलाई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को शिवमोग्गा के सागर टाउन में 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी लागत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने देश का दूसरा सबसे लंबा केबल ब्रिज भी आधिकारिक रूप से राष्ट्र को समर्पित किया।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि पुल का नाम सिगंदूर चौडेश्वरी सेतु रखा गया है। उन्होंने कहा, "इस पुल के लिए भूमि पूजन मैंने ही किया था और आज इसका उद्घाटन भी मेरे हाथों से हो रहा है यह मेरा सौभाग्य है।"

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शुरू की हैं। बेंगलुरु-चेन्नई और शिवमोग्गा-तुमकुर के बीच सड़क परियोजनाएं प्रगति पर हैं। हुब्बल्ली-धारवाड़ हाई-वे का कार्य जल्द ही पूरा होगा। साथ ही 1300 करोड़ रुपये की लागत से हासन से रायचूर को जोड़ने वाली चार लेन की सड़क को भी मंजूरी दी गई है, जिससे यात्रा समय आधा हो जाएगा।

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-367 के 47 किलोमीटर लंबे बीदर-हुमनाबाद खंड के चौड़ीकरण से कलबुर्गी और बीदर जिलों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग-75 के शिराडी घाट खंड पर किए जा रहे जीर्णोद्धार कार्यों से मानसून के मौसम में, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मंगलुरु-बेंगलुरु कॉरिडोर पर, सुरक्षित और निर्बाध यातायात सुनिश्चित होने की उम्मीद है।

शाहाबाद में एक रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और राष्ट्रीय राजमार्ग-50 पर कगीना नदी पर एक पुल के निर्माण से कलबुर्गी और रायचूर के बीच निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, बेंगलुरु-मैसूरु एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा में सुधार से कर्नाटक और केरल के बीच तेज़, सुरक्षित और अधिक कुशल यात्रा संभव होगी, साथ ही यात्रा के समय और ईंधन की खपत में भी कमी आएगी।

मंत्री नितिन गडकरी ने सागर तालुक के शरावती नदी के बैकवाटर क्षेत्र में निर्मित जिस केबल ब्रिज का उद्घाटन किया, उसे देश का दूसरा सबसे लंबा केबल ब्रिज होने का गौरव प्राप्त हुआ है। यह पुल 2.44 किलोमीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है, जिसमें पैदल यात्रियों के लिए अलग फुटपाथ भी बनाया गया है। इसका निर्माण 473 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। पुल में 470 मीटर लंबे स्टील केबल्स का उपयोग किया गया है, जो अधिकतम 100 टन भार सहन कर सकते हैं। कोविड के कारण हुई देरी के बावजूद, यह परियोजना पांच वर्षों में पूर्ण हुई और अब यह आम जनता की आवाजाही को सहज बनाने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

मुख्यमंत्री की नाराजगी और बहिष्कार

हालांकि, इस उद्घाटन समारोह ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने गडकरी से बात कर कार्यक्रम को स्थगित करने का अनुरोध किया था और पत्र भी भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। बावजूद इसके, स्थानीय भाजपा नेताओं के दबाव में बिना उन्हें सूचित किए कार्यक्रम आज ही आयोजित कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे पहले से निर्धारित विजापुर जिले के दौरे के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

राज्य सरकार ने इस पर विरोध जताते हुए सागर तालुक के इस कार्यक्रम में किसी भी मंत्री या स्थानीय कांग्रेस विधायक ने भाग नहीं लिया। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को आमंत्रित ही नहीं किया गया, जबकि यह एक केंद्र प्रायोजित परियोजना है, जिसमें राज्य की भी भागीदारी होती है।

भाजपा का पलटवार

मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेता आर. अशोक ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिवमोग्गा क्षेत्र के लोगों का 60 वर्षों का सपना आज पूरा हो रहा है, जिसे वहां के लोग उत्सव की तरह मना रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक दिन को विवाद का विषय बना दिया है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह आपकी जलन है कि जो कांग्रेस सरकार 60 वर्षों में नहीं कर सकी, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने पूरा कर दिखाया? उन्होंने कटाक्ष किया कि जब हाईकमान बुलाता है, तब मुख्यमंत्री विशेष विमान से दिल्ली भागते हैं, लेकिन सिगंदूर पुल के उद्घाटन के लिए उनके पास समय नहीं है।

प्रह्लाद जोशी का राजनीतिक रंग देने का आरोप

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस ऐतिहासिक क्षण को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि शिवमोग्गा के सांसद बी.वाई. राघवेंद्र ने 9 जुलाई को मुख्यमंत्री को आमंत्रण पत्र भेजा था। इसके साथ ही नितिन गडकरी ने भी 11 जुलाई को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया था।

प्रह्लाद जोशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की राज्य सरकार कर्नाटक की प्रगति को भूल गई है और केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लड़ाई में व्यस्त है। शिष्टाचार के सभी नियमों का उल्लंघन कर, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल न होकर गलत राजनीति की है, जो कर्नाटक के लोगों के साथ विश्वासघात के समान है।
 

 
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