सीसीएलकर्मी से एक करोड़ लेवी मांगी थी लेवी
रांची, 14 जुलाई । सीसीएल कर्मी से एक करोड़ की लेवी मांगने वाले भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर सहित चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से हथियार और नक्सली सामग्री भी मिली है। डीआईजी सह एसएसपी ने पुष्टि की है।
गिरफ्तार नक्सलियों में सब-जोनल कमांडर योगेन्द्र गंझू, मुकेश गंझू, मनु गंझू और राजकुमार नाहक शामिल हैं। इनके पास से एक लोडेड देशी पिस्टल, तीन गोली, लेवी मांगने वाला मोबाईल फोन और सात पीस प्रतिबंधित संगठन का पर्चा बरामद किया गया है।
डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंं बताया कि भाकपा माओवादी के कोयल शंख जोन क्षेत्र के चार सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये सभी लेवी वसूलने के लिए इकट्ठा हुए थे और इनके पास से हथियार व नक्सली पर्चे भी बरामद हुए हैं। यह कार्रवाई 25 जून को सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड (सीसीएल) के एक कर्मचारी से एक करोड़ रुपये की लेवी मांगने और जान से मारने की धमकी के मामले में की गई है।
मनोज जी के नाम पर मांगी थी लेवी-
एसएसपी ने बताया कि 25 जून को सीसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी को भाकपा माओवादी के कोयल शंख जोन कमेटी के सदस्य मनोज जी के नाम पर एक करोड़ रुपये की लेवी मांगी गई थी। धमकी दी गई थी कि यदि दो जुलाई तक राशि का भुगतान नहीं किया गया तो उसे जान से मार दिया जाएगा। इसे लेकर खलारी थाने में मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया। इसी दौरान 14 जुलाई की मध्य रात्रि को दल को गुप्त सूचना मिली कि भाकपा माओवादी के 4-5 सक्रिय सदस्य मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र के बक्सी बंगला चट्टी नदी के पास व्यवसायी, ठेकेदार और ईंट भट्ठा मालिकों से लेवी वसूलने के लिए जमा हुए हैं। यह सूचना मिलते ही छापेमारी दल ने तुरंत कार्रवाई की और बक्सी बंगला चट्टी नदी के किनारे घेराबंदी कर ली। नक्सलियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सशस्त्र बल की मदद से भाग रहे चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसपी ने बताया कि माओवादी योगेन्द्र गंझू उर्फ पवन से पुछताछ करने पर पता चला कि यह वर्ष 2006 में भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन में शामिल हुआ था। इसके कार्य को देखते हुए इसे वर्ष 2006 के अंत में गारू सरजु क्षेत्र का एरिया कमांडर बना दिया गया। फिर इसे उसी क्षेत्र का वर्ष 2009 में सब-जोनल कमांडर बनाया गया। यह सबसे पहले वर्ष 2006 में ही गारू (लातेहार) थाना के केस में जेल गया था तथा वर्ष 2008 में जेल से छुटने के बाद पुनः संगठन में शामिल हो गया। पुनः यह वर्ष 2012 में रातु थाना क्षेत्र से गिरफ्तार होकर जेल गया था तथा वर्ष 2022 में जेल से छुटने के बाद यह पार्टी से दूरी बनाकर रह रहा था और अपने केस में कोर्ट में हाजिर होने जाता था। पैसे की कमी हो जाने और माओवादी के कोयल शंख क्षेत्र के जोनल कमाण्डर रविन्द्र गंझू के निष्क्रिय हो जाने के कारण यह मुकेश गंझू, मन्नु गंझू एवं राजकुमार नाहक के साथ मिलकर इस क्षेत्र में पार्टी को खड़ा किया । क्षेत्र के ठीकेदारो, व्यवसायियों, क्रशर मालिको तथा ईट भट्ठा मालिकों को जान मारने की धमकी देकर लेवी मांगना शुरू किया था।
ये माओवादी दस्ता में रहने के क्रम में कई बार पुलिस से मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा। गारू (लातेहार) थाना क्षेत्र के कटीया जंगल में पुलिस मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिसकर्मी मारे गये थे। यह सेन्ट्रल कमेटी सदस्य अरविन्द के कहने पर मृत पुलिसकर्मी के पेट में बम लगाने के लिए एक्सपर्ट को लेकर कटीया जंगल गया था। इस संबंध में पुलिस की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है।