लद्दाख, 09 सितंबर। सियाचिन ग्लेशियर में मंगलवार को हिमस्खलन ने सेना की एक पोस्ट को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में भारतीय सेना की महार रेजिमेंट के तीन जवान बलिदान हो गए, जिनमें से दो अग्निवीर थे।
यह जवान करीब पांच घंटे तक बर्फ के नीचे दबे रहे, जिसके बाद बचाव दल मौके पर पहुंच पाया।
सेना के मुताबिक एक आर्मी कैप्टन भी इस हिमस्खलन में फंस गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। सेना की विशेष टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए लेह और उधमपुर से अतिरिक्त दल को बुलाया गया है।
दरअसल, सर्दियों के दौरान सियाचिन और लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में अक्सर हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है, जहां भारतीय सैनिक माइनस 60 डिग्री तापमान, तेज़ हवाओं और बर्फ़ से ढकी चोटियों के बीच डटे रहते हैं।
अब तक सियाचिन में कठोर मौसम और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से एक हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक बलिदान हो चुके हैं। यहां जवान केवल दुश्मन से ही नहीं, बल्कि कठोर मौसम और बर्फ़ीले तूफ़ानों से भी लगातार जंग लड़ते हैं। आगे की जानकारी का अभी इंतजार है।