भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (Small Satellite Launch Vehicle - SSLV) प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण को लेकर एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह तकनीकी हस्तांतरण समझौता न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe), और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच हुआ है।
एसएसएलवी इसरो द्वारा विकसित एक लचीला और ऑन-डिमांड प्रक्षेपण यान है, जिसे विशेष रूप से छोटे उपग्रहों के तेजी से प्रक्षेपण के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह यान आसानी से औद्योगिक स्तर पर उत्पादन के लिए उपयुक्त है और वैश्विक बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता रखता है।
प्रक्षेपण के लिए इस यान का उपयोग श्रीहरिकोटा से झुकी हुई कक्षाओं और कुलशेखरपट्टिनम के प्रस्तावित नए प्रक्षेपण स्थल से ध्रुवीय कक्षाओं के लिए किया जा सकता है।
इसरो ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि यह समझौता भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में चल रहे सुधारों का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे न केवल एसएसएलवी के व्यावसायीकरण का रास्ता खुलेगा, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। छोटे उपग्रहों की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रक्षेपण सेवाओं की बढ़ती माँग को पूरा करने में यह एक अहम कदम साबित होगा।