भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) ने आज विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास का दूसरा चरण शुरू किया है, जिसमें लगभग 51 करोड़ संयुक्त मतदाताओं वाले नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है। यह चरण बिहार में पुनरीक्षण पूर्ण होने के बाद शुरू किया गया है, जहाँ 30 सितंबर को 7.42 करोड़ मतदाताओं वाली अंतिम सूची प्रकाशित की गई थी।
नए चरण में शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं — अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, असम को इस चरण से बाहर रखा गया है क्योंकि वहाँ नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही है।
इस पुनरीक्षण प्रक्रिया की गणना 4 दिसंबर तक चलेगी, जिसके बाद 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी की जाएगी और 7 फरवरी, 2026 को अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। यह स्वतंत्रता के बाद से नौवां बड़ा पुनरीक्षण अभियान है — पिछला संशोधन 2002 से 2004 के बीच हुआ था।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे, साथ ही अवैध प्रवासियों सहित अपात्र नामों को हटाया जा सके। इस प्रक्रिया में मतदाताओं के जन्मस्थान का सत्यापन भी शामिल है, ताकि विशेष रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की पहचान की जा सके।
