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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने नीतीश कुमार को दी जीत की बधाई

Date : 15-Nov-2025

चेन्नई, 15 नवंबर । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव में निर्णायक जीत पर बधाई दी है। स्टालिन ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के प्रयासों की प्रशंसा की, जबकि भारत के चुनाव आयोग की आलोचना की।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बिहार चुनाव का यह परिणाम सभी के लिए एक सबक है। चुनाव परिणाम कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाए जाने, सामाजिक एवं वैचारिक गठबंधन, स्पष्ट राजनीतिक संदेश और अंतिम वोट पड़ने तक समर्पित प्रबंधन को दर्शाते हैं।''

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (ईंडी) के नेता भी अनुभवी हैं, जो संदेश को समझने और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक योजना बनाने में सक्षम हैं।

निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव के नतीजे निर्वाचन आयोग के लापरवाह कार्यों को नहीं छिपा सकते, निर्वाचन आयोग की प्रतिष्ठा आज अपने सबसे निचले स्तर पर है। देश के नागरिक ऐसे मजबूत और अधिक निष्पक्ष निर्वाचन आयोग के हकदार हैं, जिसके चुनाव संचालन से उन लोगों में भी विश्वास पैदा हो, जिनकी जीत नहीं हुई।"

हालांकि, मुख्यमंत्री स्टालिन की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता तमिल साईं सुंदरराजन ने पलटवार किया है। अपने एक्स पोस्ट के माध्यम से उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को स्वीकार करना चाहिए कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत हुई है। आप इतने संकीर्ण क्यों हैं ? और विजेताओं को बधाई देने में भी खुले विचारों वाले क्यों नहीं हैं? 2024 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) गठबंधन 39 में से 39 सीटें जीता था, तब आपको वोटिंग मशीनों या चुनाव आयोग पर कोई संदेह नहीं था, लेकिन केंद्र में नरेन्द्र मोदी और राज्य में नीतीश कुमार ने अथक परिश्रम करके यह जीत हासिल की है। अब आपको चुनाव आयोग पर संदेह हो रहा है।

उन्होंने कहा, "महागठबंधन में चुनाव लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति ने दोबारा मतदान करवाने या मतों की गिनती करवाने की मांग नहीं की। लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी नहीं किए। इसे ध्यान में रखें और बोलें। भले ही आपका रुख इसके खिलाफ हो, लेकिन जनता के फैसले का सम्मान करना ज़रूरी है।"

 
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