ऑपरेशन सिंदूर: 'Loitering Munition' तकनीक से भारत ने PoJK में आतंक के ठिकानों पर किया सटीक वार
भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को एक स्मार्ट और सटीक तकनीक से तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में इस्तेमाल की गई 'Loitering Munition' तकनीक, जिसे आमतौर पर 'कामीकाज़े ड्रोन' भी कहा जाता है, ने आधुनिक युद्ध की परिभाषा को एक नया आयाम दिया।
क्या है Loitering Munition?
Loitering Munition एक ऐसा हथियार है जो पहले ड्रोन की तरह उड़ता है, इलाके की निगरानी करता है और फिर दुश्मन की पहचान होते ही खुद को मिसाइल की तरह गिराकर हमला करता है। ये कुछ समय तक आसमान में मंडराते हैं (इसलिए 'Loitering') और सही वक्त पर सटीक वार करते हैं।
इस तकनीक की प्रमुख विशेषताएं:
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सटीक निशाना: टारगेट को बिना चूक के मारते हैं।
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न्यूनतम नुकसान: आस-पास के क्षेत्रों या आम लोगों को नुकसान नहीं होता।
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रियल-टाइम नियंत्रण: ऑपरेटर इसे लाइव कंट्रोल कर सकते हैं या ऑटोनॉमस मोड में चला सकते हैं।
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कोई सीधा जोखिम नहीं: सैनिकों को सीधा खतरा नहीं होता।
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चलते दुश्मनों पर भी हमला संभव।
ऑपरेशन सिंदूर में कैसे हुआ इस्तेमाल?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत के बाद, भारत ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर, पाक और PoJK में 9 आतंकी ठिकानों की पहचान की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी सीमा में रहते हुए, Loitering Munition के जरिए इन ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के अड्डे मुख्य निशाने पर थे। यह कार्रवाई इतनी सटीक थी कि किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचा।
भारत का संदेश साफ
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन जवाब संयमित, सटीक और रणनीतिक होगा।
राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सेना की इस कार्रवाई की पूरे देश में सराहना हो रही है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और योजना की तारीफ की है। सोशल मीडिया पर भी जनता ने 'Loitering Munition' तकनीक और ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति को स्मार्ट और प्रभावी बताया।