आज किसी भी जानकारी के लिए सबसे पहले हमारे दिमाग में Google आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत गूगल से नहीं हुई थी? 90 के दशक के अंत में, जब कंप्यूटर और डायल-अप कनेक्शन घरों तक पहुंचे, तब भारतीय इंटरनेट की दुनिया में कदम रख रहे थे—और उस समय Google का नाम तक नहीं था।
Rediff और Yahoo का दौर
उस समय भारतीय यूज़र्स की ऑनलाइन दुनिया Rediff.com और Yahoo! जैसे पोर्टल्स से शुरू होती थी। ये सिर्फ सर्च इंजन नहीं, बल्कि इंटरनेट का प्रवेश द्वार माने जाते थे। लोग Rediff Mail पर अपनी पहली ईमेल आईडी बनाते, क्रिकेट स्कोर और ताज़ा खबरें देखते और जानकारी खोजने के लिए सर्च बार का इस्तेमाल करते थे। वहीं, Yahoo! दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोर्टल था और अधिकांश भारतीय यूज़र्स जानकारी के लिए उसी पर भरोसा करते थे। टेक्नोलॉजी में रुचि रखने वाले लोग AltaVista का इस्तेमाल करते थे, क्योंकि वह तेज़ और बेहतर सर्च रिज़ल्ट देता था।
धीमा इंटरनेट और मुश्किल सर्च
90 के दशक में इंटरनेट से जुड़ना आसान नहीं था। डायल-अप कनेक्शन को कनेक्ट होने में एक मिनट से ज्यादा लग जाता था। धीमी स्पीड की वजह से यूज़र्स ऐसी वेबसाइट्स पसंद करते थे जो एक ही पेज पर ज्यादा जानकारी दे सकें। शुरुआती सर्च इंजन बहुत सटीक रिज़ल्ट नहीं दे पाते थे, और वेबसाइट्स पर भारी मात्रा में बैनर और विज्ञापन होते थे, जिससे जरूरी जानकारी ढूँढना मुश्किल हो जाता था।
Google का आगमन और इंटरनेट की क्रांति
साल 2000 के आसपास Google ने दुनिया भर में दस्तक दी। इसका सादा इंटरफेस, विज्ञापन रहित डिजाइन और सिर्फ सर्च पर ध्यान ने बाकी पोर्टल्स से इसे अलग बनाया। Google का PageRank Algorithm यूज़र्स को सबसे प्रासंगिक और सही रिज़ल्ट दिखाता था, जिसे लोगों ने किसी जादू से कम नहीं माना।
धीरे-धीरे भारतीयों की इंटरनेट आदतें बदल गईं। अब Yahoo! या Rediff पर जाने के बजाय सीधे Google खोलना आम हो गया। और इस तरह इंटरनेट सर्च करना अब Google करना कहलाने लगा।
