भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सनातन परंपराओं को संरक्षित और सहेजने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश में पर्यटन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नया अध्याय लिखा जा रहा है। उनकी दूरदर्शी नीतियों से पर्यटन को एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र के रूप में पहचान मिली है। यह न केवल देश की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम भी बनता है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को साकार करने में मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अहम भूमिका निभा रही है। पर्यटन को लेकर उनका दृष्टिकोण व्यापक और दूरगामी है, जिसने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
भारत का इतिहास पर्यटन के माध्यम से विभिन्न सभ्यताओं, वास्तुकला, साहित्य, कृषि और तकनीक के आदान-प्रदान का साक्षी रहा है। यह केवल दर्शनीय स्थलों का भ्रमण मात्र नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सांस्कृतिक सामंजस्य को बढ़ाने का माध्यम भी है। जब लोग विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होते हैं, तो उनके बीच आपसी समझ और सहिष्णुता बढ़ती है, जिससे संघर्ष की संभावना कम हो जाती है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 27 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को रेखांकित करता है। वर्ष 2024 की थीम "पर्यटन और शांति" इस बात पर बल देती है कि पर्यटन केवल आर्थिक समृद्धि नहीं, बल्कि वैश्विक सौहार्द और सद्भाव को भी बढ़ावा देता है।
मध्यप्रदेश: पर्यटन और संस्कृति का अभिन्न केंद्र
भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। वर्ष 2023 में प्रदेश ने 112.1 मिलियन पर्यटकों के आगमन के साथ नया कीर्तिमान स्थापित किया, जो 2022 की तुलना में तीन गुना अधिक है।
मध्यप्रदेश न केवल अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां का वन्य जीवन भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह भारत में सर्वाधिक 785 बाघों का निवास स्थान है और साथ ही चीता, घड़ियाल, तेंदुआ और गिद्धों की अधिकतम संख्या वाला प्रदेश भी है। यहाँ 12 राष्ट्रीय उद्यानों और 50 से अधिक वन्यजीव अभयारण्यों की मौजूदगी इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती है।
यूनेस्को की धरोहर और ऐतिहासिक विरासत
मध्यप्रदेश पुरातात्विक और ऐतिहासिक चमत्कारों से भरपूर राज्य है। यहां स्थित सांची स्तूप, खजुराहो के मंदिर और भीमबेटका गुफाएं यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। इसके अलावा, ग्वालियर किला, धमनार रॉक-कट गुफाएं, भोजेश्वर महादेव मंदिर, ओरछा, मांडू और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व जैसी अद्वितीय धरोहरें भी यूनेस्को की संभावित सूची में दर्ज हैं।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का उत्थान
मध्यप्रदेश आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। यहाँ महाकाल लोक और ओंकारेश्वर जैसे ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ राम वन गमन पथ, चित्रकूट, ओरछा राम राजा मंदिर और उज्जैन के संदीपनी आश्रम जैसे धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
पर्यटकों को अनूठे अनुभव प्रदान करने के लिए गांधी सागर महोत्सव, जल महोत्सव, चंदेरी महोत्सव और कुनो वन महोत्सव जैसे आयोजन किए जा रहे हैं, जहाँ रोमांचक गतिविधियों जैसे स्काईडाइविंग, हॉट एयर बैलूनिंग, पैरामोटरिंग और रिवर राफ्टिंग का आनंद लिया जा सकता है।
ग्रामीण और जिम्मेदार पर्यटन की नई पहल
मध्यप्रदेश में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन के तहत 100 से अधिक गांवों में 1000 होमस्टे विकसित किए जा रहे हैं। वर्तमान में 16 गांवों में 41 ग्रामीण होमस्टे संचालित हैं, जो पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, व्यंजनों और लोक कलाओं का अनुभव प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के तहत सोलो महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
मध्यप्रदेश: फिल्म पर्यटन का उभरता हब
मध्यप्रदेश न केवल पर्यटन बल्कि फिल्म निर्माण के लिए भी प्रमुख केंद्र बन रहा है। हाल ही में प्रदेश के चंदेरी में शूट हुई फिल्म "स्त्री-2" घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ की कमाई करने वाली पहली हिंदी फिल्म बनी। इसके अलावा, ऑस्कर के लिए नामित "लापता लेडीज" का फिल्मांकन भी यहीं हुआ।
पर्यटन के विकास की नई योजनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में "स्वदेश दर्शन" और "प्रसाद" जैसी योजनाओं ने पर्यटन क्षेत्र को मजबूत किया है। मध्यप्रदेश सरकार भी पर्यटन स्थलों के विकास और आधारभूत ढांचे के उन्नयन पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा के तहत अंतरराज्यीय वायु सेवा शुरू की गई है, जिससे पर्यटकों का आवागमन सुगम हुआ है।
पर्यटन: आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की कुंजी
मध्यप्रदेश का पर्यटन क्षेत्र न केवल आर्थिक वृद्धि को गति दे रहा है, बल्कि यह वैश्विक शांति और सांस्कृतिक सौहार्द का भी वाहक बन रहा है। पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित कर, प्रदेश अपनी अनूठी पहचान को विश्व मंच पर स्थापित कर रहा है।
आने वाले समय में, मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा, जिससे यह न केवल भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का परिचायक बनेगा, बल्कि वैश्विक शांति और सद्भाव का संदेश भी फैलाएगा।
"अतुल्य मध्यप्रदेश, अतुल्य भारत"