गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे महाराष्ट्र में उत्साह, श्रद्धा और भक्ति के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष उत्सव का विशेष आकर्षण पर्यावरण-अनुकूल आयोजनों पर दिया गया ज़ोर रहा।
राजभवन में, राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने नासिक सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा तैयार की गई पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा और आरती की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई स्थित अपने सरकारी आवास 'वर्षा' में भगवान गणेश का स्वागत किया।
मुंबई में प्रसिद्ध लालबागचा राजा और चिंचपोकलीचा चिंतामणि सहित लगभग 12,000 सार्वजनिक और 1.25 लाख घरेलू गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गई। पुणे में ‘पाँच मनाचे गणपती’ की स्थापना और 37वें पुणे महोत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें आठ दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
नागपुर के टेकड़ी गणपति मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी, जबकि कोल्हापुर के अंबाबाई मंदिर में भी मूर्ति की स्थापना हुई। जलगाँव जिले में “एक गाँव, एक गणपति” पहल के तहत 160 गाँवों में सामूहिक प्रतिमा स्थापना की गई।
बुलढाणा में भगवान गणेश की 150 साल पुरानी लकड़ी की प्रतिमा को भव्य कलश यात्रा के साथ नए मंदिर में पुनः स्थापित किया गया। पालघर में पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, वहीं धुले में राज्य मंत्री जयकुमार रावल ने श्रीमंतराज गणपति की स्थापना की।
रत्नागिरी में 1.69 लाख से अधिक निजी और 126 सार्वजनिक प्रतिमाएँ स्थापित की गईं। सोलापुर, नांदेड़, लातूर, बीड, नासिक, हिंगोली जैसे ज़िलों में भी उत्सव पूरे जोश से मनाया गया। यहां तक कि दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में भी सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने गणेश प्रतिमा स्थापित की।
इस वर्ष राज्य भर में पर्यावरण-संवेदनशील आयोजनों को प्रोत्साहित किया गया और प्रशासन द्वारा सुव्यवस्थित सुविधाओं और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई ताकि श्रद्धालु सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण में उत्सव मना सकें।