डिजिटल बूम के दौर में भी लोगों के जेहन में दूरदर्शन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी याद मानो आज भी ताजा है। व्यूअरशिप का नया कीर्तिमान रचने वाले रामायण और महाभारत ही नहीं, समाचार, एशियाई खेल का जीवंत प्रसारण, कृषि दर्शन, चित्रहार, रंगोली, बुनियाद, हमलोग और नुक्कड़ जैसे धारावाहिकों को भला कौन भूल सकता है। यहां तक कि श्वेत-श्याम से दूरदर्शन का रंगीन प्रसारण में बदलना भी भारतीय समाज के लिए किसी घटना से कम नहीं था। दूरदर्शन ने भारतीय दर्शकों को मनोरंजन की एक नयी दृष्टि दी।
लंबे दौर तक भारतीय दर्शकों पर एकछत्र राज करने वाले दूरदर्शन की स्थापना एक प्रयोग के तौर पर 15 सितंबर 1959 को हुई थी। शुरू में इसपर सप्ताह में केवल तीन दिन ही आधे-आधे के कार्यक्रम प्रसारित किए जाते थे। कार्यक्रमों का संचालन ऑल इंडिया रेडियो करता था। 1965 से रोजाना कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू हुआ। 1966 में दूरदर्शन ने कृषि दर्शन का प्रसारण शुरू किया। 1976 में दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो से अलग हो गया। साल 1982 दूरदर्शन के लिए संजीवनी लेकर आया जब एशियाई खेलों के प्रसारण ने इसमें नयी जान फूंक दी। इसके बाद सुबह और दोपहर में कार्यक्रमों का नियमित प्रसारण शुरू हुआ।