पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर हालिया झड़पों ने दोनों देशों के बीच तनाव को फिर बढ़ा दिया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच, दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल तुर्की के इस्तांबुल में तीसरे दौर की वार्ता के लिए मिले हैं, जिसका उद्देश्य हाल ही में हुए संघर्षविराम समझौते को प्रभावी रूप से लागू करना है।
यह वार्ता 19 अक्टूबर को कतर में हुए संघर्षविराम समझौते के बाद की जा रही है, जिसने एक सप्ताह तक चली घातक झड़पों को समाप्त किया था। उन झड़पों में सैनिकों और नागरिकों सहित दर्जनों लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
सुरक्षा मसला इस वार्ता का प्रमुख विषय बना हुआ है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान तालिबान (टीटीपी) जैसे आतंकी समूहों को शरण देता है, जो पाकिस्तान में हमलों को अंजाम देते हैं। वहीं, काबुल स्थित तालिबान सरकार इन आरोपों से सख्ती से इनकार कर रही है।
अफगान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके में गोलीबारी की, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है।
इस्तांबुल में चल रही वार्ता का उद्देश्य सीमा पर स्थायी शांति स्थापित करना और दोनों देशों के बीच बढ़ते अविश्वास को कम करना है।
