राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्नीसवीं शताब्दी में, ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संन्यासी विद्रोह और बाद में 1905 के स्वदेशी आंदोलन के दौरान इस अमर गीत की रचना की थी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वंदे मातरम भारत माता के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसने दशकों से देशवासियों की भावनात्मक चेतना, एकता और देशभक्ति की भावना को सशक्त किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह गीत आगे भी भारतीयों में राष्ट्रप्रेम और एकता का प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
राष्ट्रपति ने नागरिकों से आग्रह किया कि इस गौरवशाली अवसर पर वे वंदे मातरम की भावना के अनुरूप भारत माता को समृद्ध, शक्तिशाली और खुशहाल बनाए रखने का दृढ़ संकल्प लें।
