गन्ने का जूस स्वाद में मीठा और स्वादिष्ट होता है, जिसे भारत के अलावा अफ्रीकी और एशियाई देशों में काफी पसंद किया जाता है। यह नैचुरल होने के साथ सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचा सकता है। कई सभ्यताओं में इसका इस्तेमाल लिवर, किडनी और दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। गंदे का जूस टेस्टी होने की वजह से पॉपुलर है, ऐसे में क्या इसे डायबिटीज के मरीज पी सकते हैं? गन्ना उनके लिए कितना सुरक्षित साबित हो सकता है, आइए जानें।
समें आमतौर पर नींबू का रस मिलाकर पिया जाता है। जो खासकर गर्मी के मौसम में काफी राहत पहुंचाता है। गुड़, ब्राउन शुगर और गन्ने की चीनी बनाने के लिए इसे प्रोसेस किया जाता है। गन्ने का रस पूरी तरह से चीनी नहीं होता, इसमें 70-75% पानी होता है, 10-15% फाइबर और 13-15% चीनी होती है।
गन्ने का जूस प्रोसेस्ड नहीं होता इसलिए यह फेनॉलिक और फ्लेववॉइड एंटीऑकिसीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत होता है। इन्हीं एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदी की वजह से ही इसे हेल्दी माना जाता है। इसमें पोटैशियम भी होता है, जो अपनी हाइड्रेटिंग गुण के लिए जाना जाता है।
15 साइकिल एथलीट्स पर गन्ने के जूस से शोध किया गया। जिसमें देखा गया कि इस जूस ने उनकी पर्फोर्मेंस बेहतर बनाई और शरीर को रीहाइड्रेट किया। हालांकि, साथ ही एथलीट्स का ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ा।
तो क्या डायबिटीज होने पर गन्ने का जूस पीना चाहिए?
डायबिटीज में जिस तरह चीनी युक्त ड्रिंक्स से बचने की सलाह दी जाती है, वैसे ही गन्ने का जूस से भी दूरी बनाना बेहतर माना जाता है। इसमें मौजूद उच्च चीनी आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। इसलिए इसे न ही पिएं।
गन्ने के जूस में पोषक तत्व कई हैं, लेकिन साथ ही चीनी की मात्रा भी काफी ज्यादा है, जो डायबिटीज में ब्लड शुगर के स्तर को और बढ़ा सकती है। इससे बेहतर है कि आप बिना चीनी की चाय, कॉफी या फिर दूसरी ड्रिंक्स पिएं।