मुंबई, 14 जुलाई। महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी भाषा विवाद गरमाने के बाद मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के वर्ली में दिए गए भाषण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के 3 वकीलों ने पुलिस महानिदेशक को शिकायत देकर रासुका के तहत कार्यवाही करने की मांग की गई है।शिकायत में कहा गया है कि राज ठाकरे के इस भाषण से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होने वाली स्थिति पैदा की गई है।
बॉम्बे हाई कोर्ट के अधिवक्ता नित्यानंद शर्मा, पंकज कुमार मिश्रा और आशीष राय ने संयुक्त रूप से लिखित शिकायत में राज ठाकरे पर 5 जुलाई को वर्ली में ठाकरे बंधु विजयोत्सव सभा कार्यक्रम में भड़काऊ और घृणास्पद बयान देने का आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार राज ठाकरे ने अपने भाषण में प्रवासियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। शिकायत में कहा गया है कि इस भाषण के बाद विभिन्न क्षेत्रों में मनसे कार्यकर्ताओं ने प्रवासी नागरिकों पर मराठी भाषा का प्रयोग करने का दबाव डाला। मना करने पर उन्हें धमकाया गया, गाली-गलौज की गई और कुछ जगहों पर मारपीट की घटनाएं भी हुईं।
ऐसी गतिविधियों से राज्य में सामाजिक सद्भाव को खतरा पहुंचा है और भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन हो रहा है।
शिकायत के अनुसार राज ठाकरे के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज करके कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मनसे कार्यकर्ताओं के किए गए हमलों की सभी घटनाओं की जांच करके संबंधित लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
राज्य सरकार से ऐसे विघटनकारी बयानों की सार्वजनिक रूप से निंदा करने की मांग की गई है। बहरहाल, इस मामले पर अभी तक मनसे या राज ठाकरे की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।