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बौद्ध सर्किट में फिर दिखेंगे चीनी पर्यटक, केन्द्र सरकार के निर्णय से पर्यटन उद्यमी खुश

Date : 25-Jul-2025

कुशीनगर, 25 जुलाई । पांच वर्ष बाद बौद्ध सर्किट में चीन के सैलानी दिखेंगे। केन्द्र सरकार ने पांस साल बाद चीनी सैलानियों को टूरिस्ट वीजा जारी करने पर लगी रोक हटाने से पर्यटन उद्यमियों में खुशी है। पर्यटन उद्यमी उम्मीद कर रहे हैं कि बौद्ध सर्किट में चीनी सैलानियों के आने से पर्यटन सेक्टर में आयेगा।

दरअसल, केन्द्र सरकार ने भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड–19 के चलते चीनी पर्यटकों के भारत आने पर रोक लगा दी थी। चीनियों को टूरिस्ट वीजा जारी नही हो रहा था। बौद्ध सर्किट में चीन के सैलानियों के ना आने से बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, ज्ञान प्राप्त स्थल बोधगया, प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ सहित संकिसा, नालंदा, राजगीर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती का पर्यटन कारोबार पर असर पड़ गया था। साल 2018 तक अक्टूबर से 31 मार्च तक चलने वाले पर्यटन सीजन के दौरान बड़ी संख्या में चीनी पर्यटक भारतीय बौद्ध सर्किट के साथ साथ बुद्ध की जन्मस्थली लुंबनी (नेपाल) की यात्रा भारत से होकर करते थे। अब केन्द्र सरकार ने चीनी पर्यटकाें काे वीजा जारी करने की अनुमति दे दी है। इससे अब पर्यटन उद्यम से जुड़े लाेगाें में खुशी की लहर है।

रॉयल रेजीडेंसी ग्रुप के महाप्रबंधक (आपरेशन) पंकज कुमार सिंह का कहना है कि देश में विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, परंतु बौद्ध धर्म की जन्मस्थली भारत में आने वाले विदेशी बौद्ध तीर्थयात्रियों की संख्या बहुत कम है। पर्यटन विकास के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। उन्हाेंने कहा कि केन्द्र सरकार के चीनी पर्यटकाें के लिए फिर से वीजा देने की अनुमित देने से बाैद्ध सर्किट में चीनी पर्यटकाें आ सकेंगे। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से स्थिति सुधरेगी।

मार्च 2018 में आया था आखिरी चीनी पर्यटक दल

चीनी पर्यटकाें पर राेक लगने से पहले 25 मार्च 2018 को कुशीनगर में चीन का आखिरी पर्यटक दल आया था। उस समय भारत–चीन सीमा विवाद चरम पर था। सपरिवार आए इंग्लैंड में ट्रांसपोर्ट अभियंता चीनी सैलानी सैलानी शुचेंग हूं,झियूगिने हूं, चेनचेन हूं और ¨बग¨बग हूं ने महापरिनिर्वाण मंदिर में पूजा की थी। तबसे चीन का कोई पर्यटक दल नहीं आया।

उल्लेखनीय है कि बौद्ध सर्किट के पर्यटन के विकास में चीन की अहम भागीदारी रही है। चीनी पर्यटकों से बौद्ध सर्किट को सर्वाधिक राजस्व प्राप्त होता था। लगभग 500 मिलियन की वैश्विक आबादी के साथ, बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है। अकेले चीन में 50 प्रतिशत बौद्ध अनुआई रहते हैं। जबकि थाईलैंड में 13 प्रतिशत जापान में 9 प्रतिशत, म्यांमार में 8 प्रतिशत श्रीलंका ,वियतनाम और कंबोडिया में 3–3 प्रतिशत दक्षिण कोरिया व भारत में 2–2 प्रतिशत और मलेशिया में 1 प्रतिशत बौद्ध आबादी है।

 
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