लखनऊ, 25 जुलाई । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को संसद में संविधान को लेकर दिए गए केंद्र सरकार के बयान पर आज प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्हाेंने कहा कि केन्द्र सरकार ने संविधान को लेकर ताज़ा विवाद के सम्बंध में संविधान की मंशा के हिसाब से अपनी स्थिति स्पष्ट की है। यह अच्छी बात है। सरकार बिना किसी की परवाह व चिन्ता किए हुए अपने इस स्टैण्ड पर कायम रहेगी, ऐसी उम्मीद सभी काे है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि देश के कानून मंत्री का कल संसद में दिया गया बयान कि, 'संविधान की प्रस्तावना से 'सेक्युलरिज्म' (धर्मनिरपेक्षता) आदि शब्द हटाने सम्बंधी सरकार की ना कोई नीयत है और ना ही ऐसा कुछ विचाराधीन है', उचित एवं सराहनीय है। खासकर बसपा सहित देश व दुनियाभर में उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है। उन्हाेंने लिखा कि यह अच्छा आश्वासन है, जो बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के संविधान में इस प्रकार के किसी भी अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध हैं। ऐसी उठने वाली गलत मांग को लेकर चिन्तित भी थे। वैसे भी यह सर्वविदित है कि अपना भारत देश हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व पारसी आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों का विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। संविधान के जरिए विविधता में एकता की विशेषता इसकी बेमिसाल पहचान दुनियाभर में है। सभी धर्मों के मानने वाले लोगों को एक समान आदर-सम्मान देने व समतामूलक समाज व्यवस्था आदि की सोच को लेकर ही बाबा साहेब ने संविधान रचा और जिसकी झलक संविधान में हर कदम पर मिलती है।