प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हालिया मालदीव यात्रा को “बेहद उत्पादक” करार दिया है। वे मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने इस यात्रा को एक "निर्णायक क्षण" बताया और प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति को द्विपक्षीय संबंधों के लिए नई दिशा देने वाला क़दम कहा।
इस यात्रा के दौरान भारत और मालदीव ने मत्स्य पालन, मौसम विज्ञान, डिजिटल अवसंरचना जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत ने मालदीव के अवसंरचना विकास के लिए ₹4,850 करोड़ की नई ऋण सहायता की घोषणा की — यह भारत द्वारा भारतीय रुपये में दी गई अपनी तरह की पहली सहायता है।
एक संशोधित वित्तीय समझौते के तहत मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान दायित्व को 51 मिलियन डॉलर से घटाकर 29 मिलियन डॉलर कर दिया गया, जिससे उसे 40% तक राहत मिली है।
दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने का भी निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय व्यापार को और गहरा करना है। यह वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे होने का प्रतीक भी है, जिसे चिह्नित करते हुए दोनों देशों ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में, भारत और मालदीव ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को और मज़बूत करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता दिखाने के लिए राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू का आभार भी व्यक्त किया।
इस यात्रा ने न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को नई गति दी है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में भारत की भूमिका को और सशक्त बनाया है।