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मप्र के जबलपुर में हुए विचार-मंथन से आने वाले वर्षों की दिशा तय होगी : दत्तात्रेय होसबाले

Date : 01-Nov-2025


संघ की यात्रा रुपी दस्तावेज में मप्र के जबलपुर का नाम दर्ज

जबलपुर, 01 नवंबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के तीसरे और अंतिम दिन शनिवार को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यात्रा रूपी दस्तावेज में जबलपुर का नाम भी जुड़ गया है। यहां हुए विचार-मंथन से आने वाले वर्षों की दिशा तय होगी। समाज का कोई भी समुदाय ऐसा नहीं जो संघ के संपर्क से अछूता हो।"

सरकार्यवाह होसबाले के अनुसार यह वर्ष संघ के शताब्दी वर्ष है, जिसमें राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता, संगठन विस्तार और जनजागरण पर विशेष ध्यान केंद्रित रहेगा। उन्होंने हाल ही में देश भर में हुए विजयदशमी उत्सवों का भी उल्लेख किया और बताया कि देशभर में 62,555 स्थानों पर विजयदशमी उत्सव संपन्न हुए। इन उत्सवों में 32 लाख से अधिक स्वयंसेवक गणवेश में शामिल हुए। 25 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन में भाग लिया, जो संघ की संगठनात्मक शक्ति का परिचायक है।

बैठक के दौरान संघ ने घोषणा की कि गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। संघ ने भगवान बिरसा मुंडा को केवल जनजातीय नेता नहीं, बल्कि भारत का समग्र राष्ट्रनायक बताया। होसबाले ने कहा, "भगवान बिरसा मुंडा ने न सिर्फ अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, बल्कि धर्मांतरण को भी रोका। उनकी 150वीं जयंती पर देशभर में विशेष आयोजन होंगे। "संघ ने घोषणा की कि "वंदे मातरम्" के 150 वर्ष पूरे होने पर वर्षभर विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं, यह भारत की आत्मा है।

राष्ट्रीय चुनौती पर होसबाले ने कहा कि मणिपुर में स्थिति में सुधार आया है और प्रधानमंत्री के दौरे से पुनरुत्थान की नई उम्मीद जगी है। उन्होंने सबको साथ लेकर चलने और मिलकर आगे बढ़ने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है। युवाओं में मादक पदार्थ की बढ़ती प्रवृत्ति को चिंता का विषय बताते हुए उन्होंने कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने धर्मांतरण की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इस ऐतिहासिक बैठक में देश भर से आए 397 शीर्ष पदाधिकारियों ने गहन विचार-मंथन किया। संघ ने पिछले एक वर्ष में संगठन विस्तार पर विशेष जोर दिया है, जिसमें सीमावर्ती और जनजातीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। इस साल 6,226 नई शाखाओं की स्थापना हुई, जिससे अब देशभर में कुल 87,000 से अधिक शाखाएं सक्रिय हैं। होसबाले ने घोषणा की कि आने वाले समय में संघ 'पंच परिवर्तन कार्यक्रम' के तहत 82,000 से अधिक सामाजिक सम्मेलन आयोजित करेगा। गृह संपर्क अभियान' के माध्यम से संघ करोड़ों लोगों तक पहुंचेगा और समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास करेगा।

 
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