केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में एक प्रभावी संस्था के रूप में उभरा है। वे नई दिल्ली में आयोजित एनसीडीसी की 92वीं आम परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने चीनी मिलों और डेयरी क्षेत्र में चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे किसानों को सीधे लाभ मिल सके। उन्होंने देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा शुरू कराने में एनसीडीसी की अहम भूमिका का उल्लेख किया, जिससे ड्राइवरों को आर्थिक लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि नई बहु-राज्य सहकारी समिति का पंजीकरण हो चुका है और तकनीकी विकास के साथ ड्राइवरों के नामांकन की प्रक्रिया भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
मंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में सहकारी समितियों को एनसीडीसी द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता लगभग चार गुना बढ़कर 95 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है। एनसीडीसी के सहयोग से एक हजार से अधिक मत्स्यपालक उत्पादक संगठनों (FFPOs) को मज़बूती प्रदान की गई है। शाह ने कहा कि डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन और महिला सहकारी समितियों पर विशेष ध्यान देते हुए एनसीडीसी 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित करेगा।
सहकारिता मंत्रालय के अनुसार, एनसीडीसी ने विजयवाड़ा में नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया है, जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में उप-कार्यालय खोले गए हैं, जिससे सहकारिता क्षेत्र में विस्तार हुआ है। मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात में गहरे समुद्री मत्स्य पालन के लिए ट्रॉलर खरीदने हेतु वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और मछुआरा समुदाय, विशेषकर महिलाओं, को आर्थिक सशक्तिकरण प्राप्त हो रहा है।
