नई दिल्ली, 19 नवंबर । दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय सभागार में बुधवार को राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” की ऐतिहासिक 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक अत्यंत भावपूर्ण और भव्य सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह रहे, जबकि कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता विशिष्ट अतिथि और महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. पूनम कुमरिया भी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वंदे मातरम 150 वर्ष” राष्ट्रव्यापी अभियान से सीधे प्रेरित था। प्रधानमंत्री ने इस गीत को “एक मंत्र, एक ऊर्जा, एक स्वप्न और एक गंभीर संकल्प” बताया था, जिसकी गूंज आज पूरे देश के साथ-साथ इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में भी सुनाई दी।
सभा को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि “वंदे मातरम एक गीत से कहीं बढ़कर है; यह एकजुटता और लचीलेपन का आह्वान है। जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी पूरे राष्ट्र को प्रेरित कर रहे हैं, उसी तरह विश्वविद्यालयों को सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय गौरव के पोषण में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को अपने इतिहास का सम्मान करें और एक उज्जवल, एकजुट भविष्य के लिए संकल्प लेना चाहिए।”
प्राचार्या प्रो. पूनम कुमरिया ने कहा कि हमें वंदे मातरम आंदोलन की भावना को जीवंत रखना है। अपने विस्मृत इतिहास को पुनर्जीवित करना, जागरूकता बढ़ाना और साझा विरासत का गर्व के साथ सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
कुलपति ने सभी को “स्वदेशी संकल्प शपथ” दिलाई और प्रतीकात्मक रूप से कदंब का पौधा रोपा गया।
