खड़गपुर (पश्चिम मेदिनीपुर), 19 नवम्बर । मलंचा रोड स्थित पश्चिम बंगाल सरकार प्रायोजित खड़गपुर हितकारिणी हाई स्कूल ने बुधवार को अपने स्थापना के 100 (शतवर्ष) पूरे होने पर भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया। वर्ष 1925 में स्थापित यह विद्यालय पश्चिम मेदिनीपुर का सबसे प्राचीन हिंदी माध्यम विद्यालय माना जाता है, जिसने बीते एक शताब्दी में शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
विद्यालय प्रांगण में आयोजित इस ऐतिहासिक समारोह में पूर्व छात्र, वर्तमान विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक और स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या ने सम्मिलित होकर संस्थान की सौ वर्षीय यात्रा को नमन किया। कार्यक्रम स्थल पर भावनाओं, स्मृतियों और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।
समारोह के मुख्य मंच पर प्रमुख अतिथियों ने उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. दामोदर मिश्रा (पूर्व कुलपति, पश्चिम बंगाल हिंदी विश्वविद्यालय, हावड़ा), विशेष अतिथि उत्तम माझी (अतिरिक्त जिला विद्यालय निरीक्षक, खड़गपुर), सम्मानित अतिथि रजत पॉल (उप-विद्यालय निरीक्षक, खड़गपुर पश्चिम परिमंडल), सामाजिक कार्यकर्ता मुनमुन चौधरी, पार्षद नमिता चौधरी, पार्षद राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पार्षद बी. हरीश कुमार, पार्षद अभिषेक अग्रवाल, शतवर्ष उद्यापन समिति के अध्यक्ष सकल देव शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुखमय प्रधान सहित अनेक कई सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।
विद्यालय छात्रों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा पूरे समारोह को जीवंत कर दिया। नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुतियों ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के दौरान कई पूर्व शिक्षकों और पूर्व विद्यार्थियों ने मंच से अपने संस्मरण साझा किए, जिन्हें सुनकर वातावरण भावुक हो उठा।
प्रधान शिक्षक प्रभारी उमेश चंद्र सिंह ने हितकारिणी हाई स्कूल की 100 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा को संवेदनशील शब्दों में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय ने सदैव समाज को संस्कारित, शिक्षित और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक देने का कार्य किया है। अतिथियों का सम्मान करते हुए विद्यालय परिवार ने स्मृति चिन्ह भेंट किए।
सामाजिक कार्यकर्ता मुनमुन चौधरी ने शिक्षा व्यवस्था और समाज पर उसके प्रभाव को लेकर ऐतिहासिक और प्रेरक विचार रखे। वहीं, मुख्य अतिथि प्रो. दामोदर मिश्रा ने ‘ज्ञान कोष’ खोलते हुए शिक्षा, संस्कृति और जीवन मूल्यों पर सारगर्भित उपदेश दिए, जो उपस्थित लोगों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुए।
कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय के सभी शिक्षकों, गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों, पूर्व छात्रों और स्थानीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा। सभी ने विद्यालय की निरंतर प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की और आगामी वर्षों में इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प दोहराया।
