पश्चिमी सिंहभूम, 19 नवंबर । झारखंड की प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा बुधवार को चाईबासा पहुंचीं, जहां उनका स्वागत प्रशासन और सुरक्षा बलों ने पूरे सम्मान के साथ किया। टाटा कॉलेज मैदान स्थित हेलीपैड पर उनके पहुंचते ही कोल्हान रेंज के डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, उपायुक्त चंदन कुमार, एसपी अमित रेणु, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के कमांडेंट ने गुलदस्ता देकर उनका अभिनंदन किया।
डीजीपी को औपचारिक रूप से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, इसके बाद वे सीधे पुलिस कार्यालय स्थित सभागार के लिए रवाना हुईं।
सभागार में डीजीपी ने नक्सल उन्मूलन से जुड़ी स्थिति और सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे अभियानों की विस्तृत समीक्षा की। सारंडा जंगल क्षेत्र में छिपे नक्सलियों की गतिविधियों, सर्च ऑपरेशन के दौरान आने वाली चुनौतियों, बलों की तैनाती, संसाधनों की उपलब्धता और विभागीय समन्वय जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में डीजीपी ने कहा कि नक्सल-विरोधी अभियान फील्ड स्तर पर अत्यंत चुनौतीपूर्ण होते हैं, लेकिन पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और जगुआर के संयुक्त प्रयासों से इन अभियानों में लगातार सफलता मिल रही है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सारंडा में सक्रिय नक्सलियों को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा और इस दिशा में आवश्यक तैयारियां की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सामने आने वाली समस्याओं का विश्लेषण कर उन्हें दूर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि भावी ऑपरेशन अधिक प्रभावी और सटीक हो सके। डीजीपी ने टीमवर्क को अभियान की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि उनका लक्ष्य सुरक्षित, सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से अभियानों को संचालित करना है।
बैठक में आईजी माइकल राज, डीजे साकेत कुमार, कोल्हान डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, एसपी अमित रेणु, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन और झारखंड जगुआर के वरिष्ठ अधिकारी और सभी एसडीपीओ उपस्थित थे।
