केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ब्राजील के बेलेम में 11वीं संयुक्त ऋण व्यवस्था (जेसीएम) भागीदार देशों की बैठक को संबोधित करते हुए सहकारी तंत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे तंत्र वैश्विक जलवायु कार्रवाई को मजबूत बनाने और विशेष रूप से विकासशील देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। यह बैठक जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के 30वें सम्मेलन (सीओपी30) से अलग आयोजित की गई थी।
मंत्री यादव ने भारत और जापान के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को विश्वास, तकनीकी सहयोग और सतत विकास के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित बताया। उन्होंने भारत की जेसीएम भागीदार देशों—विशेषकर जापान—के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई और उन्नत प्रौद्योगिकी, निवेश और समतापूर्ण जलवायु कार्रवाई के लिए पारदर्शी और उच्च-निष्ठा सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि जेसीएम जैसी व्यवस्थाएँ निवेश को प्रोत्साहित करने, निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों को लागू करने, क्षमता निर्माण और नवाचारों को स्थानीय बनाने में मदद करेंगी, जिससे भारत के सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
