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" लक्ष्य निर्धारण एक सम्मोहक भविष्य का रहस्य है " -टोनी रॉबिंस

Science & Technology

तारो से आया पहला मेहमान

Date : 07-Dec-2023

आपको याद होगा 2017 में आकाश में एक रहस्यमय वस्तु गुज़री थी। इसके आकार वगैरह को देखकर बताना मुश्किल था कि यह एक क्षुद्रग्रह है या धूमकेतु है (कुछ ने तो इसे एलियन्स द्वारा भेजा गया यान भी कहा था)। इस अत्यंत तेज़ रफ्तार पिंड को ओमुआमुआ नाम दिया गया था।

हाल ही में बर्कले स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रसायनज्ञ जेनिफर बर्गनर और उनकी टीम ने विश्लेषण के आधार पर इसे धूमकेतु घोषित किया है। गौरतलब है कि ओमुआमुआ को सबसे पहले सूर्य के नज़दीक से 87 किलोमीटर प्रति सेकंड की अधिकतम गति से गुज़रते देखा गया था जो सौर मंडल में बनने वाली किसी वस्तु के लिए बहुत अधिक है।

अवलोकनों के अनुसार यह 100 से 400 मीटर लंबा और सिगार के आकार का था। सौर मंडल से निकलने के बाद इसकी रफ्तार थोड़ी बढ़ गई थी। हालांकि अन्य धूमकेतुओं के समान ओमुआमुआ के पीछे कोई पूंछ नहीं दिखाई दी थी और न ही उसके आसपास धूल या गैस का कोई गोला था।

शोधकर्ताओं के अनुसार ओमुआमुआ के जीवन की शुरुआत किसी तारे से निकले जल-समृद्ध धूमकेतु के रूप में हुई। इसके बाद ब्रह्मांड में सुपरनोवा और अन्य ऊर्जावान घटनाओं द्वारा उत्सर्जित उच्च ऊर्जा किरणों ने इसकी लगभग 30 प्रतिशत बर्फ को हाइड्रोजन में परिवर्तित किया और यात्रा के दौरान यह ओमुआमुआ की बर्फ में फंसी रही। सूर्य के निकट पहुंचने पर बर्फ के पिघलने से फंसी हुई हाइड्रोजन निकलने से इसकी गति में वृद्धि हुई। चूंकि आणविक हाइड्रोजन सामान्य धूमकेतुओं से उत्सर्जित कार्बन मोनोऑक्साइड या कार्बन डाईऑक्साइड की तुलना में कम भारी होती है इसलिए वह अपने साथ अंतरिक्ष में उपस्थित धूल के कणों को इतना अधिक नहीं खींच पाई। इसी वजह से पूंछ नहीं बन पाई होगी।        

 

 

पूर्व में शोधकर्ताओं का मानना था कि ओमुआमुआ धूल और गैस के ठंडे अंतरतारकीय बादल से बनने वाला एक क्षुद्रग्रह या जमी हुई हाइड्रोजन का टुकड़ा हो सकता है। बहरहाल हालिया विश्लेषण के बाद सभी सहमत हैं कि यह एक धूमकेतु ही था। 

 

अब ओमुआमुआ नेप्च्यून की कक्षा से आगे निकल चुका है और सौर मंडल से बाहर भी निकल जाएगा। हम इसे फिर कभी नहीं देखेंगे। लेकिन संभावना है कि इस तरह के और पिंड भविष्य में हमारे सौर मंडल में प्रवेश करेंगे। इसलिए कॉमेट इंटरसेप्टर नामक एक युरोपीय मिशन तैयार किया जा रहा है जो इस तरह के पिंडों का अध्ययन करने के लिए चंद्रमा से आगे की एक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

 
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