कल देशभर में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 मनाया जाएगा। पिछले साल इसी दिन चंद्रयान-3 मिशन ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराई थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य समारोह का उद्घाटन करेंगी, जो नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा।
इस वर्ष के उत्सव का विषय है - चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा, जो समाज और प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण के गहन प्रभाव पर जोर देता है।
अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कल नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस है और यह न केवल उत्सव का दिन है, बल्कि आत्मचिंतन, आत्मनिरीक्षण और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने का भी दिन है।
उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पांच गुना बढ़कर लगभग 44 बिलियन डॉलर हो जाएगी।
आकाशवाणी संवाददाता ने बताया है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के लिए पिछले एक महीने में देश भर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
समारोह के एक भाग के रूप में भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज का आयोजन किया गया।
बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू तारामंडल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में भारत द्वारा चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के उपलक्ष्य में कल राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है।
बेंगलुरु में आकाशवाणी समाचार से विशेष बातचीत में तारामंडल के निदेशक और पूर्व इसरो वैज्ञानिक डॉ. बीआर गुरुप्रसाद ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर आयोजित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
प्रदर्शनों के अलावा, तारामंडल चंद्रमा पर एक व्याख्यान और चंद्रयान 3 की रोमांचक यात्रा पर एक व्याख्यान की भी योजना बना रहा है।
इस अवसर पर बच्चों के लिए पेंटिंग, पिक एंड स्पीक, जिगसॉ पजल और वॉक इन क्विज का भी आयोजन किया जाएगा।