ISRO का 'शुक्रयान-1': 2028 में Venus की ओर नई उड़ान!
Date : 28-Nov-2024
शुक्रयान-1 इस मिशन का पहला भाग होगा जो 2028 में लॉन्च होगा।
भारत सरकार ने हाल ही में इसरो के 'वीनस ऑर्बिटर मिशन' के तहत शुक्रयान-1 को मंजूरी दी है, जो 2028 में लॉन्च होगा। यह मिशन शुक्र ग्रह की गहरी जांच करेगा, जिसे पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, और यह हमारे ग्रह के बहुत पास स्थित है। इसरो निदेशक नीलेश एम देसाई ने अहमदाबाद के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर में मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी साझा की।
VOM स्पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करेगा कि ग्रहों के पर्यावरण का विकास कैसे होता है। इसके अलावा, यह मिशन उस थ्योरी को भी समझने में सहायक होगा, जिसमें कहा जाता है कि कभी शुक्र ग्रह भी जीवन के लिए उपयुक्त रहा होगा, और फिर समय के साथ यह कैसे बदल गया। यह मिशन भारत के लिए कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है, जैसे भविष्य में भारत अन्य ग्रहों पर अधिक वजनदार पेलोड भेजने में सक्षम होगा और ग्रह की कक्षा में बेहतर तरीके से प्रवेश कर सकेगा।
इसके साथ ही, सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) को भी मंजूरी दे दी है, जो भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 16 प्रेशराइज्ड मॉड्यूल हैं, जबकि भारत के स्पेस स्टेशन में केवल 5 मॉड्यूल होंगे। पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च किया जाएगा, और भारत का स्पेस स्टेशन 2035 तक तैयार हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब भारत 2040 में चांद पर लैंड करेगा, तब हमारा स्पेस स्टेशन ट्रांजिट सुविधा के रूप में कार्य करेगा।
चंद्रयान 3 के बाद अब भारत चंद्रयान 4 की तैयारी में जुटा है, जो खास होगा क्योंकि इसमें न केवल चांद पर लैंडिंग की जाएगी, बल्कि वहां से मिट्टी और पत्थरों के नमूने भी पृथ्वी पर लाए जाएंगे। चंद्रयान 4 के लिए भारत की योजना जापान के साथ मिलकर काम करने की है। जहां चंद्रयान 3 चांद के साउथ पोल पर 69.3 डिग्री पर उतरा था, वहीं चंद्रयान 4 में लक्ष्य साउथ पोल के 90 डिग्री साउथ पर लैंडिंग करने का होगा।