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ISRO चेयरमैन का बड़ा खुलासा: गगनयान की उड़ान जल्द!

Date : 02-Dec-2024

भारत का ऐतिहासिक गगनयान मिशन जल्द ही अंतरिक्ष में नई उड़ान भरने को तैयार है। ISRO के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने इसकी संभावित समयसीमा का खुलासा किया है।

गगनयान मिशन की पहली मानवरहित टेस्ट फ्लाइट 2024 की शुरुआत में हो सकती है। अगर सभी परीक्षण सफल रहते हैं, तो 2026 के अंत तक भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन लॉन्च किया जाएगा। गगनयान का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में तीन दिन तक रखना और फिर उन्हें सुरक्षित वापस लाना है।

गगनयान मिशन की तैयारियां

IIT गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान सोमनाथ ने बताया कि इस मिशन पर पिछले चार सालों से काम हो रहा है। पहली टेस्ट फ्लाइट दिसंबर 2023 में होने वाली थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे 2024 की शुरुआत तक टाल दिया गया है।
पहली उड़ान में "व्योममित्र" नामक एक रोबोट भेजा जाएगा। इसके बाद दो और परीक्षण उड़ानें होंगी। जब ये तीनों उड़ानें सफल होंगी, तभी मानवयुक्त मिशन 2026 के अंत तक लॉन्च होगा।

गगनयान में अंतरिक्ष यात्रियों की भूमिका

गगनयान में भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में करीब तीन दिन बिताएंगे। मिशन पूरा होने के बाद यान को भारत के समुद्री क्षेत्र में उतारा जाएगा। मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया है, जिनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।

भारत का अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान

गगनयान मिशन की अनुमानित लागत 90 बिलियन डॉलर है। इसके सफल होने पर भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जिसमें अमेरिका, रूस, और चीन के बाद भारत का नाम शामिल होगा।

यह मिशन ISRO की क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा।

 

 
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