रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से अपनी तरह की पहली नौसेना एंटी-शिप मिसाइल (एनएएसएम-एसआर) का सफल उड़ान परीक्षण किया। इस परीक्षण में भारतीय नौसेना के सीकिंग हेलीकॉप्टर से मिसाइल लॉन्च की गई और इसे जहाजों के लक्ष्यों पर सटीकता से परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योगों को सफल उड़ान परीक्षण के लिए बधाई दी और इसे मैन-इन-लूप सुविधाओं के लिए अद्वितीय बताते हुए कहा कि इसने इन-फ्लाइट रीटार्गेटिंग की क्षमता का प्रदर्शन किया है।
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि परीक्षण ने मिसाइल के मैन-इन-लूप फीचर को सिद्ध किया, और इसके अधिकतम सीमा पर सी-स्किमिंग मोड में एक छोटे जहाज के लक्ष्य पर सीधे प्रहार किया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस मिशन ने उच्च बैंडविड्थ वाले दो-तरफ़ा डेटालिंक सिस्टम का प्रदर्शन किया, जिसका उपयोग सीकर की लाइव छवियों को पायलट के पास वापस भेजने और रीटार्गेटिंग के लिए किया जाता है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि मिसाइल को लॉन्च मोड के बाद बेयरिंग-ओनली लॉक-ऑन के तहत लॉन्च किया गया था, जिसमें कई लक्ष्य थे और एक को चुना गया। यह मिसाइल स्वदेशी फाइबर ऑप्टिक जाइरोस्कोप-आधारित INS, रेडियो अल्टीमीटर, एक एकीकृत एवियोनिक्स मॉड्यूल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स, थर्मल बैटरी और PCB वारहेड का उपयोग करती है, जो इसे अपने मार्गदर्शन और नियंत्रण में उत्कृष्ट बनाता है।