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रायपुर : सौर सुजला योजना बनी किसानों के लिए वरदान

Date : 05-Mar-2025

 छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा अब तक इस क्षेत्र में 1222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए गए हैं। इससे किसानों को बिना किसी चिंता के सिंचाई सुविधा मिल रही है, जिससे वे लाभकारी खेती कर रहे हैं।

सौर सुजला योजना के तहत बारनवापारा क्षेत्र में 2 हार्स पावर के 3, 3 हार्स पावर के 615 और 5 हार्स पावर के 604 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। यह योजना उन किसानों के लिए खासतौर पर उपयोगी साबित हो रही है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जिनके पास सिंचाई के अन्य संसाधन नहीं थे।

ग्राम डेबी के किसान नित्यानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई की सुविधा न होने के कारण उनकी सालाना आमदनी मात्र 25 से 30 हजार रुपये थी। लेकिन अब सोलर पम्प लगने के बाद वे धान के साथ आलू, टमाटर और बरबटी जैसी सब्जियां उगाकर तीन से चार गुना अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार, बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवर्त्य, अमरू राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान जैसे अन्य किसानों की भी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

पहले किसान नदी-नालों से डीजल पम्प के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे उनका एक बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च हो जाता था। अब सौर सुजला योजना के तहत केवल 24,800 रुपये में सोलर पम्प मिल जाने से यह समस्या समाप्त हो गई है। छत्तीसगढ़ शासन किसानों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर सौर पम्प उपलब्ध करा रही है। तीन हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को 10,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये और सामान्य वर्ग के किसानों को 21,000 रुपये का अंशदान देना होता है, जबकि 5 हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 15,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 20,000 रुपये और सामान्य वर्ग के किसानों को 25,000 रुपये का अंशदान देना होता है।

अब तक बलौदाबाजार जिले में 5198 सौर पम्प लगाए जा चुके हैं। सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग से आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के तहत नदी, नाले, कुएं और नलकूप प्राथमिकता से चिन्हांकित किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना किसानों के लिए सिंचाई की कम लागत वाली, स्थिर और बेहतर व्यवस्था प्रदान कर रही है।

 
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