AI की मदद से मेडिकल क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिससे लाखों लोगों को फायदा हो रहा है। AI-पावर्ड एक्स-रे मशीनें अब ट्यूबरकुलोसिस (TB) की जल्दी पहचान करने में सहायक साबित हो रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक हर जगह क्रांति की शुरुआत कर दी है। अब इन AI-पावर्ड एक्स-रे मशीनों की मदद से टीबी की पहचान जल्दी हो रही है। इस साल, इन मशीनों के जरिए 6.8 लाख मरीजों की जल्दी पहचान की गई, जिससे उन्हें सही समय पर इलाज मिल सका।
टीबी उन्मूलन अभियान में अहम भूमिका
AI से सक्षम इन मशीनों का इस्तेमाल देश में चल रहे टीबी उन्मूलन अभियान में हो रहा है। यह अभियान 100 दिनों तक चलता है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत को टीबी मुक्त बनाना है। इन मशीनों की मदद से टीबी की पहचान जल्दी हो रही है, जो बिना इन मशीनों के लगभग 43% मरीजों का सही समय पर पता नहीं चलता। समय पर पहचान न होने पर टीबी गंभीर हो सकती है, और अगर इलाज एक साल के भीतर न किया जाए, तो यह 15 और लोगों तक फैल सकता है।
मशीन के फायदे
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये मशीनें बीमारी के शुरुआती चरण में ही पहचान कर लेती हैं, भले ही मरीज में टीबी के लक्षण न दिखाई दें। इन मशीनों से एक दिन में लगभग 100 मरीजों की स्क्रीनिंग की जा सकती है, और इसका इस्तेमाल दूरदराज के इलाकों में भी आसानी से किया जा सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट का नया AI टूल
मेडिकल क्षेत्र में AI की बढ़ती मांग को देखते हुए, टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने "Dragon Copilot" नाम से एक नया एआई चैटबॉट लॉन्च किया है। यह टूल डॉक्टरों की मदद करने के लिए बनाया गया है और मरीजों से बातचीत रिकॉर्ड करने के साथ क्लिनिकल नोट्स भी तैयार कर सकता है।