कबीरधाम जिले की ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित गांव पटपरी में निवासरत 25 बैगा परिवारों के जीवन में अब अंधकार की जगह उजाला छा गया है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (क्रेडा) द्वारा इन सभी परिवारों को निःशुल्क सोलर सिस्टम प्रदान किए गए हैं, जिससे उनके घर अब रोशनी से जगमगा उठे हैं।
सरकारी योजनाओं का प्रभाव अब सुदूर आदिवासी अंचलों में भी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। पटपरी जैसे दूरस्थ गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और पहचान दस्तावेज जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाकर शासन-प्रशासन ने आदिवासी समुदायों के जीवन में बदलाव की एक मजबूत नींव रखी है।
जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर और ब्लॉक मुख्यालय पंडरिया से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित पटपरी गांव, अब विकास की एक नई मिसाल बन गया है। यहां प्रत्येक घर में 300 वॉट क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 65 हजार रुपये है। यह सम्पूर्ण लागत प्रधानमंत्री जनमन योजना और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहन की गई है।
इस पहल से जहां बैगा परिवारों को अंधेरे से मुक्ति मिली है, वहीं उनके जीवन में उम्मीद की एक नई किरण भी जगी है। गांव के निवासी फूल सिंह बैगा ने बताया, “अब हमारे घरों में अंधेरा नहीं होता, और बच्चे रात में भी पढ़ाई कर सकते हैं।”
गांव की ही जगातीन बाई बैगा ने भी अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि जनमन योजना के कारण उनके घर में बिजली पहुंची है, जिससे वे बेहद उत्साहित हैं। इस योजना की लाभार्थी के तौर पर उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने दिल्ली आमंत्रित किया गया था, जो उनके लिए गौरव का क्षण रहा।
गांव में स्वच्छ पेयजल की सुविधा के लिए दो हैंडपंप लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को साफ पानी मिल रहा है। इसके अलावा सभी बैगा परिवारों को आधार कार्ड और राशन कार्ड भी प्रदान किए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता समय-समय पर गांव आकर ग्रामीणों की जांच करते हैं। बैगा परिवार मुख्य रूप से वनभूमि पर खेती कर जीवन यापन करते हैं। गन्ना सीजन में मजदूरी और लघु वनोपज का संग्रहण उनकी अतिरिक्त आय का स्रोत है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना ने पटपरी गांव के बैगा समुदाय के जीवन में जो उजाला और सशक्तिकरण लाया है, वह दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बदलाव की एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है।