हमीरपुर। हमीरपुर जिले में चौबीस साल पुराने मौदहा डैम को अब पर्यटन के रूप में चमकाने के लिए सरकार ने यूपीपीसीएल को हरी झंडी दे दी है। डैम में सेनानियों के लिए नौकाविहार की सुविधाएं मुहैया होगी साथ ही पार्क और अन्य स्थलों को हाईटेक किया जाएगा। डैम को हाईटेक बनाने में पन्द्रह करोड़ रुपये की धनराशि भी खर्च होगी।
मुस्करा क्षेत्र के बसौठ गांव के निकट वर्ष 1976-77 में मौदहा डैम (बांध) बनाए जाने की आधारशिला रखी गई थी। एक अरब सत्रह करोड़ की लागत से इस डैम का निर्माण कई दशक तक चलता रहा। लेकिन राजनैतिक झमेले में यह डैम समय से पूर्ण नहीं हो पाया। इस डैम का निर्माण पूर्ण होने के बाद 17 जून 1999 को तत्कालीन कल्याण सिंह की सरकार के मुखिया ने यहां आकर मौदहा डैम का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के दौरान इस डैम का नाम स्वामी ब्रम्हानंद रखा गया था। मौदहा बांध निर्माण खंड के अभियंताओं के मुताबिक 3.48 किमी लम्बे व 22 मीटर ऊंचा डैम बेतवा नदी की सहायक विरमा नदी पर बना है।
इस डैम में 200 मिलियन क्यूसिक मीटर क्षमता का जलाशय है। यह डैम हमीरपुर और आसपास के किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। डैम के साथ ही 11 दर्रों का स्पिलवें निर्मित कराया गया है। इसकी क्षमता भी 4.0 लाख क्यूसिक है। बाढ़ के दौरान फालतू पानी की इसी स्पिलवें से निकासी होती है। मौदहा डैम से 98 किमी मुख्य नहरें और शाखाएं निकली है। साढ़े चार सौ पचास किमी डैम की वितरण प्रणाली से 29.24 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। इस डैम से हमीरपुर के अलावा महोबा के करीब डेढ़ दर्जन गांवों के किसानों की फसलों की सिंचाई होती है।
दशकों पुराने मौदहा डैम में पर्यटकों के लिए मिलेगी हाईटेक सुविधाएं
मौदहा डैम को पर्यटन के रूप में चमकाने के लिए शासन ने अब यूपीपीसीएल कार्यदायी संस्था को हरी झंडी दे दी है। डैम में पार्क का सुन्दरीकरण कराने के साथ ही खेलकूद और बच्चों के लिए मनोरंजन की आधुनिक सुविधाएं होगी। आधुनिक लाइटें और वाच टावर भी खड़ा किया जाएगा। मौदहा डैम तक पहुंच सम्पर्क मार्ग व पैदल पथ का निर्माण कराया जाएगा। मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता केपी गंगवार ने बताया कि बीते साल पर्यटन डिपार्टमेंट ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसकी मंजूरी शासन ने दी है। धनराशि रिलीज होते ही यूपीपीसीएल संस्था डैम को चमकाने के लिए निर्माण शुरू कराएगी।